पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नोटबंदी की घोषणा की थी, उससे भले ही पिछले कुछ महीनों कारोबार पर असर पड़ा है, लेकिन मध्यअवधि में यह भारत के लिए फायदेमंद साबित होगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा इससे मिलने वाले लाभ लंबे समय तक बने रहेंगे.
होंगे शानदार लाभ
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विलियम मरे ने हर पखवाड़े होने वाले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें लगता है कि एक वर्ष पहले हुई नोटबंदी के शानदार लाभ होंगे। नोटबंदी के इन फायदों का असर लंबे समय बने रहने की उम्मीद है. ’’
नोटबंदी से हुई थी कई दिक्कतें
मरे ने ये भी कहा कि नोटबंदी की वजह से भले ही शुरुआती समय में कारोबारियों को और आम आदमी को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. इस दौरान लोगों को नगदी की किल्लत से जूझना पड़ा. वहीं, कारोबारियों को भी अपना कारोबार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मरे ने कहा कि ये सभी प्रभाव कुछ समय के लिए ही रहेंगे और इनके खत्म होते ही नोटबंदी के फायदे सामने आना शुरू हो जाएंगे.
दिया है डिजिटल भुगतान को बढ़ावा
मरे ने कि कहा कि नोटबंदी ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया है. इसने बैंकिंग प्रणामी को मजबूत करने का काम किया है. इससे आने मध्य अवधि में बेहतर परिणाम हो सकते हैं. बता दें कि आईएमएफ जनवरी में भारत के साथ दुनिया के अन्य देशों की विकास दर को लेकर अपना अनुमान जारी करेगा.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने ही अप्रैल में साल 2017 के लिए भारत के ग्रोथ रेट अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 7.2 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ ने इसके लिए नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराया था.
एडीबी ने घटाया जीडीपी अनुमान
इससे पहले एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने भारत की जीडीपी की वृद्धि दर का अनुमान एकबार फिर घटा दिया. बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर को 0.3 फीसदी घटाया है. उसके मुताबिक आने वाले समय में जीडीपी की वृद्धि दर 7 फीसदी की बजाय 6.7 फीसदी रहेगी.
नोटबंदी-जीएसटी जिम्मेदार
बैंक ने इसके लिए नोटबंदी और पहली छमाही में सुस्त विकास की रफ्तार को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही एडीबी ने जीएसटी की वजह से कारोबारियों को हुई दिक्कत को भी इसकी वजह माना है.