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INSIDE STORY: 9 मिनट का वक्त देकर मोदी ने 2 घंटे तक जाना था नोट बदलने का प्लान

अर्थक्रांति संस्थान ने पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं को नोटबंदी का प्रपोजल दिया था. संस्थान ने दावा किया था कि उनके मेंबर अनिल बोकिल ने पीएम मोदी के साथ कुछ महीनों पहले मीटिंग की थी.

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पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

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नोटबंदी को एक साल हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने सालभर पहले 8 नवंबर को जनता के सामने इस फैसले का ऐलान किया था. उन्होंने देश के नाम संबोधन में भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम लगाने के लिए 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला लिया था. पर सवाल यह है कि आखिर पीएम मोदी को ये विचार आया कहां से था?

बताया जाता है कि पीएम मोदी को 'अर्थक्रांति संस्थान' द्वारा पहली बार इस तरह का प्रपोजल भेजा गया था. मोदी ने संस्था के सदस्यों को मिलने का 9 मिनट का वक्त दिया था लेकिन चर्चा उन्होंने 2 घंटे तक की थी.

कैसे मिला था नोटबंदी का प्रपोजल?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अर्थक्रांति संस्थान ने पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं को नोटबंदी का प्रपोजल दिया था. संस्थान ने दावा किया था कि उनके मेंबर अनिल बोकिल ने पीएम मोदी के साथ कुछ महीनों पहले मीटिंग की थी. अनिल बोकिल को पीएम मोदी से मिलने के लिए सिर्फ 9 मिनट का वक्त दिया गया था, लेकिन जब पीएम ने प्रपोजल के बारे में सुना तो उन्होंने उसमें रुचि दिखाई और पूरे 2 घंटे तक उस पर चर्चा की.

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राहुल गांधी को भी मिला था प्रपोजल

अर्थक्रांति संस्था की ये टीम इस प्रपोजल को लेकर कई राजनीतिज्ञों और वित्‍तीय विशेषज्ञों से मिली थी. संस्थान ने ये प्रपोजल कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी दिया था. राहुल गांधी ने उन्हें सिर्फ 10 से 15 सेकेंड का वक्त दिया था. कहा जाता है कि संस्था के लोग मार्च 2007 में प्रतिभा पाटिल से मिले थे जब वह राजस्‍थान की गर्वनर थीं. इन्‍होंने लोकसभा स्‍पीकर सोमनाथ चैटर्जी को भी पत्र लिखकर मांग की थी कि उनकी टीम को संसद में एक मॉडल पेश करने की अनुमति दी जाए. उसके बाद वे कई और राजनीतिज्ञों से भी मिले, पर अंत में पीएम मोदी ने उनकी बात सुनी.

क्या था प्रपोजल में?

इस संस्था ने अपने प्रपोजल में बताया था कि सिर्फ इम्पोर्ट ड्यूटी को छोड़कर 56 तरह के टैक्स वापस लिए जाएं. साथ ही 1000, 500 और 100 रुपए के नोट वापस लिए जाएं. सारे बड़े ट्रांजैक्शन सिर्फ बैंक से जरिए चेक, डीडी और ऑनलाइन हों. कैश ट्रांजैक्शन के लिए लिमिट फिक्स की जाए. सरकार के रेवेन्यू जमा करने का एक ही बैंक सिस्टम हो. क्रेडिट अमाउंट पर बैंकिंग ट्रांजैक्शन टैक्स (2 से 0.7%) लगाया जाए.

नोटबंदी लागू करने के क्या बताए थे फायदे?

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अर्थक्रांति संस्थान ने बताया कि नोटबंदी को लागू करने से वस्तुओं की कीमत घटेगी. मांग और प्रोडक्शन बढ़ेगा. इससे कंपनियों में रोजगार बढ़ेगा. बैंकों से आसान और सस्ता लोन मिलेगा. इंटरेस्ट रेट घटेगा. जमीन और प्रॉपर्टी की कीमत कम होगी. रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध रहेगा. भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम कसेगी.

क्या है अर्थक्रांति संस्थान?

यह पुणे की इकोनॉमिक एडवाइजरी संस्था है. इसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और इंजीनियर शामिल हैं.

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