8 नवंबर, 2016. रात आठ बजे अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया था. मोदी के ऐलान के साथ ही मानो देशभर में हलचल-सी मच गई थी. हर कोई एटीएम की ओर भाग रहा था, कोई पेट्रोल पंप की तरफ जा रहा था. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये एकदम क्या हो गया.
विपक्ष ने सरकार के इस फैसले को लोकतंत्र काला दिन बताया और लगातार इसका विरोध किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए लोगों से 50 दिन तक सहयोग करने की मांग की थी. नोटबंदी के दौरान बैंकों और एटीएम के बाहर काफी दिनों तक लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. मोदी सरकार ने लगातार नोटबंदी को एक सफलता बताया है और विपक्ष आज काला दिवस के रूप में इसका विरोध कर रहा है.
विपक्ष में आर-पार
नोटबंदी की सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर के जरिए लोगों को धन्यवाद किया. उन्होंने लिखा 'काले धन और भ्रष्टाचार मिटाने के लिए सरकार की तरफ से उठाए सख्त कदमों का बढ़ चढ़कर समर्थन के लिए भारतवासियों को मैं नमन करता हूं'
I bow to the people of India for steadfastly supporting the several measures taken by the Government to eradicate corruption and black money. #AntiBlackMoneyDay
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2017
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने नोटबंदी को एक त्रासदी बताया. साथ ही उन्होंने नोटबंदी के दौरान वायरल हुए एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना.'
"एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुमने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना" pic.twitter.com/r9NuCkmO6t
— Office of RG (@OfficeOfRG) November 8, 2017
नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर aajtak.in की स्पेशल कवरेज. पढ़ें नोटबंदी से जुड़ी हर खबर, गैलरी में समझें आम आदमी की जिंदगी पर क्या पड़ा था इसका असर. वीडियो में देखें इसके फायदे और नुकसान.
नोटबंदी ने वाकई तेज भागती भारतीय अर्थव्यवस्था को गोली मार दी!
नोटबंदी ने देश की तेज दौड़ती अर्थव्यवस्था की टांग में गोली मार दी. जाने माने अर्थशास्त्री और यूपीए कार्यकाल में नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य रहे ज़्यां द्रेज़ ने नोटबंदी की तुलना करते हुए कहा था कि यह काम ठीक उसी तरह है जैसे एक तेज रफ्तार से भागती रेसिंग कार के पहिए पर किसी ने गोली मार दी हो.
ट्विटर पर बोले लोग- आज 8 नवंबर, बस मित्रों कहने की देरी है
ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, ' आज 8 नवंबर है, और बस मित्रों कहने की देरी है'. वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि मेरे प्यारे देशवासियों की आज पहले सालगिरह है.
नोटबंदी के बाद बना था देश का पहला 'कैशलेस' गांव, अब यहां चलती है सिर्फ नकदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को जब 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की थी, तब कैशलेस होने की बयार चल पड़ी थी. इसी बयार में मध्य प्रदेश के एक गांव को सबसे पहला 'कैशलेस गांव' करार दिया गया था.
नोटबंदी का बही-खाता: आखिर इस पूरी कवायद से किसे क्या हासिल हुआ?
नोटंबदी के लिए लगी इस कतार में जहां कुछ लोगों ने अपनी जान गंवा दी तो कई घरों में शादी-ब्याह जैसे आयोजन मुश्किल हो गए. शुरुआती कुछ हफ्तों तक तो ऐसा लगा कि मानो दुनिया की सबसे तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था लड़खड़ा कर गिर गई है.
रिजर्व बैंक की जुबानी जानें- कब, क्यों और किसने लिया नोटबंदी का फैसला
रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल और वित्त मंत्रालय से पब्लिक अकाउंट समिति ने नोटबंदी के फैसले पर कई अहम सवाल पूछे थे. इन सवालों का जवाब देने के लिए उन्हें 20 जनवरी 2017 तक का समय दिया है. संसद की यह समिति जानना रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय से जानना चाहती थी कि आखिर नोटबंदी का फैसला कब, कैसे और किसके द्वारा लिया गया.
भारत में बहस, लेकिन इन देशों में फेल रहीं नोटबंदी जैसी कोशिशें
देश में करोड़ों लोगों को समझ नहीं आया कि आखिर इस फैसले का क्या मकसद है और वह अपने पास रद्दी करार दिए जा चुके करेंसी का क्या करें. अब नोटबंदी को एक साल बीच चुका है. आज सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या नोटबंदी केन्द्र सरकार का सही फैसला था या फिर समय ने इस फैसले को गलत साबित कर दिया है?
नोटबंदी का नहीं हुआ सियासी नुकसान, BJP की एक के बाद एक जीत
सत्ताधारी बीजेपी ने इसे कालेधन के खिलाफ कार्रवाई बताया था, तो विपक्षी दलों ने नोटबंदी के खिलाफ अभियान चलाया. नोटबंदी के चंद दिनों बाद देश के कई राज्यों में नगर निकाय और विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी ने एक के बाद एक जीत हासिल की और विपक्ष दलों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा.
नोटबंदी के पक्ष में थे नोबेल विजेता रिचर्ड, 2000 के नोट को बताया गलत
इन समर्थकों में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर रिचर्ड थेलर का नाम भी शामिल है. बता दें कि रिचर्ड थेलर ने नोटबंदी के दौरान इसका समर्थन किया था और इसके समर्थन में ट्वीट भी किया था. थेलर ने इसे करप्शन के खिलाफ लड़ाई का एक पहला कदम बताया था.
नोटबंदी पर 'पलटूराम': पहले किया सपोर्ट, फिर मांगी माफी
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया था, उसके बाद से ही देशभर में उनका विरोध शुरू हो गया था. लेकिन कुछ लोगों ने इस फैसले का खुलकर स्वागत किया था. इनमें कई हस्तियां भी शामिल रही थीं.
नोटबंदी की बरसी पर पढ़िए अन्नदाता के घर का हाल...
नोटबंदी को एक साल पूरा हो गया. किसानों का कहना है कि साल भर उन्होंने सिर्फ मार झेली है. किसानों का आरोप है कि कैशलेस ट्रांजेक्शन ने भी उनके बुरे हाल किए हैं. ऐसे ही एक किसान का पूरा साल कैसे बीता... ये समझने का प्रयास किया 'आजतक' ने.
नोटबंदी: क्या हुआ आम आदमी की 10 हजार रुपये बचत के PM मोदी के वादे का
नोटबंदी के फायदे के साथ-साथ पीएम मोदी ने वादा किया था कि इस कदम से देश में आम आदमी की जेब में प्रति माह 10 रुपये तक की बचत कर सकेगा.
नोटबंदी में विलेन बने जन धन खाते? जानें एक साल में क्या हुआ
आंकड़ों की बात करें तो केन्द्र सरकार ने कालाधन का बही-खाता रखने के लिए जिस गरीब कल्याण योजना को लॉन्च किया उसमें महज 5,000 करोड़ रुपए एकत्र हुए हैं. इसी पैसे को आज की तारीख में नोटबंदी से बरामद हुआ कालाधन कहा जा सकता है.
मोदी सरकार को कैश से दिक्कत लेकिन जापान में टॉप गियर पर है कैश इकोनॉमी
देश में 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान के दौरे पर चले गए थे. खासबात है कि केन्द्र सरकार ने देश में नोटबंदी का ऐलान कर भारत को डिजिटल इकोनॉमी बनाने की कवायद की. लेकिन इस ऐलान के तुरंत बाद जापान की यात्रा पर पहुंचे पीएम मोदी वहां रुबरू हुए कैश इकोनॉमी से और वह भी टॉप गेयर में चलने वाली.
नोटबंदी: पहले छीनी रौनक, अब एक साल बाद पटरी पर लौटा व्यापार
8 नवंबर को नोटबंदी का एक साल पूरा हो रहा है. इस एक साल के दौरान नोटबंदी को लेकर लोगों की सोच और उसके प्रति उनके अप्रोच में काफी बदलाव देखने को मिला है. वहीं कारोबारी जगत का भी कुछ ऐसा ही हाल है.
नोटबंदी: डिजिटल पेमेंट ने बढ़ाई छोटे व्यापारियों की मुसीबत, लोग परेशान
पिछले साल लागू हुई नोटबंदी के बाद प्रमोद ने भी अपने पेशे में डिजिटल पेमेंट को तवज्जो देना शुरू कर दिया था. लेकिन बीते महीने इनके साथ जो हुआ, उसने कैशलेस ट्रांजेक्शन के बारे में इनके सोचने का नजरिया बदल दिया.