आपने होम लोन लिया है और प्रति माह आप ईएमआई दे रहे हैं तो एक मौका है जहां आपकी ईएमआई कम हो सकती है. बहुत जल्द आपके होमलोन की ईएमआई तय करेगा आपका क्रेडिट स्कोर. यानि पुराने लिए लोन को वापस लौटाने में आप कितने तत्पर थे आपकी ईएमआई पर असर डाल सकता है.
इस हफ्ते बैंक ऑफ बड़ौदा ने होम लोन के लिए सबसे कम ब्याज दरों की घोषणा करते हुए वह देश में पहली बार अच्छे क्रेडिट स्कोर को देखते हुए होम लोन ग्राहकों की ईएमआई में कटौती करेगा. इसके लिए बैंक फिलहाल ग्राहकों के सिबिल स्कोर (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया) पर निर्भर करेगा. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुताबिक यदि आपका सिबिल स्कोर 760 अंक से अधिक है तो आपके होम लोन पर 8.35 फीसदी के दर से ब्याज लिया जाएगा.
वहीं जिन ग्राहकों का सिबिल स्कोर 725 से 759 अंकों के दायरे में है तो होम लोन पर 8.85 फीसदी के दर से ब्याज देना होगा. वहीं सिबिल स्कोर 724 अंक के नीचे रहने पर 9.35 फीसदी ब्याज अदा करना पड़ेगा. वहीं जिन ग्राहकों ने पहली बार बैंक से लोन लिया है और उनका कोई सिबिल डेटा नहीं मौजूद है उन्हें 8.85 फीसदी के दर से ब्याज देना होगा. बेहतर सिविल स्कोर के लिए ब्याज की ये दरें सभी होम लोन- कीमत अथवा समय पर लागू होंगे.
बैंक की तरफ से यह कवायद ग्राहकों द्वारा होम लोन की ईएमआई सही समय पर देने के लिए प्रेरित करने के लिए की जा रही है. बैंक का मानना है कि जिन ग्राहकों को ईएमआई अदा करने में दिक्कत नहीं होती है और उनका सिबिल स्कोर बेहतर रहता है उन्हें बैंक इनाम के तौर पर कम ब्याज दर पर लोन देने जा रहा है.
क्या है आपका सिबिल स्कोर (क्रेडिट रेटिंग)
ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड भारत की पहली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है. इसे क्रेडिट ब्यूरो भी कहा जाता है. यह संस्था व्यक्तियों और गैर-व्यक्तियों (वाणिज्यक निकायों) के लोन और क्रेडिट कार्डस से संबंधित भुगतानों के सारे रिकॉर्ड रखते हैं. ये रिकार्डस् बैंको और अन्य लेंडर्स द्वारा प्रति माह संस्था के पास जमा किया जाता है.
इस जानकारी के आधार पर क्रेडिट इन्फोर्मेशन रिपोर्ट (सीआईआर) तथा क्रेडिट स्कोर दिया जाता है. इसका इस्तेमाल लोन देने वाले बैंक लोन मंजूर करने में करते हैं. क्रेडिट ब्यूरो आरबीआई से मान्य होते.
इन 4 तरीकों से कर सकते हैं क्रेडिट स्कोर में सुधार
1.अपनी ईएमआई का सही समय पर भुगतान करें. ईएमआई अदा करने में देरी से आपके सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है.
2. क्रेडिट का अत्यधिक उपयोग आपकी रेटिंग के लिए अच्छा नहीं है. सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही क्रेडिट का सहारा लें.
3. होम लोन, ऑटो लोन अथवा पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में बैंलेंस बनाकर रखें. किसी एक तरीके के क्रेडिट पर ज्यादा निर्भरता से आपका स्कोर खराब हो सकता है.
4. लोन लेते समय क्रेडिट को अपने लिए बेहद जरूरी न दर्शाएं. इसका आपकी क्रय क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है जिससे आपकी रेटिंग खराब हो सकती है. वहीं नया लोन लेने में बेहद सावधानी बरतें.