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अब शराबी पायलटों की खैर नहीं, ब्रीथ एनालाइजर का रिकार्ड रखना होगा जरूरी

पहले ज्यादातर ड्रिंक एंड ड्राइव से होने वाली दुर्घटनाएं सामने आती थी लेकिन अब तो पायलटो के ड्रिंक एंड फ्लाई के कारनामे सामने आना शुरू हो गए है. अक्सर  केबिन क्रू और पायलटों के शराब पीकर नशे में विमान उड़ाने के चलते यात्रियो को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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पहले ज्यादातर ड्रिंक एंड ड्राइव से होने वाली दुर्घटनाएं सामने आती थी लेकिन अब तो पायलटो के ड्रिंक एंड फ्लाई के कारनामे सामने आना शुरू हो गए है.  अक्सर केबिन क्रू और पायलटों के शराब पीकर नशे में विमान उड़ाने के चलते यात्रियो को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन, ऐसे पायलट अब सतर्क हो जाएं क्योंकि अब पकड़े गए तो उनके खिलाफ होगी कड़ी कारवाई.

पायलट और चालक दल के इसी गैर जिम्मेदाराना कारनामों को ठिकाने लगाने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कड़े नियम जारी किए है.

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विमान उड़ानों को सुरक्षित बनाने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के चालक दल के सदस्यों के शराब पीने (एल्कोहल उपभोग) के संबंध में व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत निदेशालय ने उड़ान से पहले और बाद के दोनों समय में चालक दल सदस्यों द्वारा एल्कोहल खपत के नियम तय किए हैं.

ब्रीथ एनालाइजर का रिकॉर्ड रखना होगा जरूरी
इन कदमों के तहत उड़ान दल के लिए उड़ान से पहले व उड़ान के बाद ब्रेथ एनालाइजर का रिकॉर्ड अलग अलग रखना जरूरी होगा. साथ ही नियमों का पालन न करने पर तीन महीने तक ड्यूटी (रोस्टर) से निकाला भी जाएगा.

डीजीसीए ने विमानन कंपनियों से कहा है कि वे विमान के चालक दल के सदस्यों की सांस की जांच (ब्रीथ एनालाइजर) परीक्षण का रिकार्ड एक साल तक रखें. यह नया नियम चार अगस्त को जारी किया गया है.गौरतलब है कि एक लम्बे समय से पायलटो के नशे में विमान उड़ाने की कई वारदात सामने आयी हैं.

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इनपुट:भाषा

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