राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम में अगर आपका खाता है, तो यह खबर आपके लिए है. बजट में लगाए गए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) का असर एनपीएस पर नहीं पड़ेगा. यह बात खुद पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताई है.
एनपीएस विनियामक पीएफआरडीए के चेयरमैन हेंमत कॉन्ट्रैक्टर ने बताया कि धन का निवेश एनपीएस ट्रस्ट की तरफ से किया जाता है. ट्रस्ट को कर में छूट हासिल है. उन्होंने कहा कि LTCG टैक्स का हम पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि यह निवेश हमारे ट्रस्ट (एनपीएस ट्रस्ट) द्वारा किया जाता है. उन्होंने बताया कि पेंशन निवेश की बात करें, तो इस पर एलटीसीजी का कोई असर नहीं पड़ेगा
स्टॉक हॉल्डिंग कॉरपोरेशन के सहयोग से एनपीएस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि एलटीसीजी का प्रभाव टियर-2 खातों (स्वैच्छिक रूप से योजना को चुनने वाले गैर-पेंशन योजना वाले खातों) पर पड़ेगा. ऐसे खातों को कोई कर लाभ नहीं हासिल होता है. उन्होंने बताया कि इन टियर-2 का निवेश कोष काफी छोटा होता है.
कॉन्ट्रैक्टर ने इस दौरान जानकारी दी कि एनपीएस में दो तरह के खातों का प्रबंधन है. इसमें एक टियर-1 और दूसरा टियर-2 है. मौजूदा समय में एनपीएस का कुल कोष 2.25 लाख करोड़ रुपये का है. इसके ग्राहक 2 करोड़ से भी ज्यादा हैं. बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक लाख रुपये से ज्यादा के एलटीसीजी पर टैक्स लगाने की घोषणा की है.
नेशनल पेंशन स्कीम अथवा एनपीएस एक रिटायरमेंट सेविंग्स अकाउंट है. इसकी शुरुआत भारत सरकार ने 1 जनवरी 2004 को की थी. पहले यह स्कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी. हालांकि 2009 के बाद इसे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी शुरू किया गया है.