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NRI के नाम पर अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, आयकर विभाग ने शुरू की कार्रवाई

प्रवासी भारतीय (NRI) बनकर टैक्स चोरी करने वालों की अब आयकर विभाग नकेल कसने जा रहा है. इसके लिए आयकर विभाग ने तैयारी कर ली है. असल में कई भारतीय 'नॉन-रेजिडेंट इंडियन' बनकर टैक्स बचा रहे हैं.

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एनआरआई की कर चोरी रोकने के लिए सख्ती (प्रतीकात्मक तस्वीर)
एनआरआई की कर चोरी रोकने के लिए सख्ती (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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प्रवासी भारतीय (NRI) बनकर टैक्स चोरी करने वालों की अब आयकर विभाग नकेल कसने जा रहा है. इसके लिए आयकर विभाग ने तैयारी कर ली है. कई एनआरआई को इस बारे में नोटिस भी मिल चुकी है. असल में कई भारतीय 'नॉन-रेजिडेंट इंडियन' बनकर टैक्स बचा रहे हैं.

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, आयकर विभाग ऐसे लोगों के 4 से 6 साल पुराने रिकॉर्ड भी खंगालने शुरू किए हैं. नियम के मुताबिक जब कोई एनआरआई भारत से बाहर आमदनी करता है तो उसकी आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता, लेकिन भारत में रहकर यदि कोई व्यक्ति विदेश से कमाई करता है तो उसे इस आमदनी पर टैक्स देना पड़ता है. कई एनआरआई को इस बारे में नोटिस मिली है कि उनके पिछले पांच या छह साल के टैक्स असेसमेंट को फिर से खोला जा रहा है. उनसे पासपोर्ट की फोटो कॉपी भी शेयर करने को कहा गया है.

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कैसे उठाते हैं फायदा

कोई भी भारतीय नागरिक यदि विदेश में 182 दिन से ज्यादा रहता है, तो उसे NRI का दर्जा हासिल हो जाता है. इसी प्रकार यदि कोई भारतीय सवाल वाले वर्ष में एक साल में 60 दिन से ज्यादा या उससे पिछले चार साल में 365 दिन से ज्यादा देश में रहता है तो उसे 'निवासी' का दर्जा हासिल हो जाता है.

टैक्स बचाने के लिए कई भारतीय विदेश और भारत में इस तरह से आवाजाही करते रहते हैं कि उन्हें एनआरआई का दर्जा हासिल हो जाता है. आयकर विभाग ऐसे सभी मामलों की जांच करेगा और यह देखेगा कि कहीं टैक्स चोरी के लिए तो ऐसा नहीं किया जा रहा.  

गौरतलब है कि देश में टैक्स की चोरी रोकने के लिए आयकर विभाग कई मोर्चे पर काम कर रहा है. आयकर विभाग ने TDS प्रमाणपत्र यानी फार्म 16 को संशोधित किया है, इसमें मकान से आय और अन्य नियोक्ताओं से प्राप्त पारितोषिक समेत विभिन्न बातों को जोड़ा गया है. इस तरह से इसे अधिक व्यापक बनाया गया है ताकि टैक्स देने से बचने पर लगाम लगाया जाए.

इसमें विभिन्न टैक्स सेविंग योजनाओं, टैक्स बचत उत्पादों में निवेश के संदर्भ में टैक्स कटौती, कर्मचारी द्वारा प्राप्त विभिन्न भत्ते के साथ अन्य स्रोत से प्राप्त आय के संदर्भ में अलग-अलग सूचना भी शामिल होगी. फार्म 16 एक प्रमाणपत्र है जिसे नियोक्ता जारी करते हैं, इसमें कर्मचारियों के टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) का ब्यौरा होता है. इसे जून के मध्य में जारी किया जाता है और इसका उपयोग आयकर रिटर्न भरने में किया जाता है.

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आयकर विभाग की ओर से अधिसूचित संशोधित फार्म 12 मई 2019 को प्रभाव में आया है. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिये आयकर रिटर्न संशोधित फार्म 16 के आधार पर भरा जाएगा. अन्य बातों के अलावा संशोधित फार्म 16 में बचत खातों में जमा पर ब्याज के संदर्भ में कटौती का ब्यौरा और छूट एवं अधिभार (जहां लागू हो) भी शामिल होगा.

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