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तो यूं ही बढ़ते रहेंगे प्याज के दाम...

बिन मौसम हुई बरसात और कम उत्पादन के कारण प्याज के दाम आसमान पर पहुंच गए है. बीते कारोबारी वर्ष में दो करोड़ टन प्याज उत्पादन का करीब 30-35 फीसदी हिस्सा फरवरी से अप्रैल के बीच हुई बेमौसमी बारिश के कारण बर्बाद हो गया.

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प्याज के दाम आसमान पर
प्याज के दाम आसमान पर

बिन मौसम हुई बरसात और कम उत्पादन के कारण प्याज के दाम आसमान पर पहुंच गए है. बीते कारोबारी वर्ष में दो करोड़ टन प्याज उत्पादन का करीब 30-35 फीसदी हिस्सा फरवरी से अप्रैल के बीच हुई बेमौसमी बारिश के कारण बर्बाद हो गया. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्याज का भाव अक्टूबर तक बढ़ा रहेगा.

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क्यों नहीं गिर रहे दाम?
नवी मुंबई में प्याज के थोक व्यापारी राजीव मनियार ने कहा कि अधिक नमी, मिट्टी की स्थिति खराब होने तथा अन्य कारणों से बर्बादी और बढ़ गई. सप्लाई बहुत कमजोर है. ऐसे में प्याज की कीमत थोक और खुदरा बाजारों में 50-60 फीसदी बढ़ गई. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पाकिस्तान, चीन, मिस्र तथा अन्य देशों से करीब 10 हजार टन प्याज का आयात भी किया पर कीमत कम नहीं हुई.

उत्पादकता है कम?
भारत हालांकि चीन के बाद दुनिया में प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन देश में प्याज की उपज प्रति एकड़ सिर्फ 14 टन ही है. वहीं चीन में एक एकड़ में 22 टन प्याज तो म्यांमार में 23 टन और तुर्की में 30 टन औसत उत्पादन है.

कहां कितना मंहगा प्याज?
मुंबई के थोक बाजार में कीमत 22 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 32 रुपये हो गई है. वहीं खुदरा बाजार में प्याज 42-45 रुपये के आस-पास बिक रहा है. देश के सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे उत्तर प्रदेश में प्याज की कीमत प्रति किलोग्राम 40 रुपये है, जो एक साल पहले 20 रुपये थी. कनार्टक में भी प्याज एक महीने में 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 50-55 रुपये में बिकने लगा है.

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तो कैसे कम होंगे दाम?
व्यापारियों के मुताबिक, नया प्याज बाजार में आ जाने से कीमत कम हो सकती है. अभी नए प्याज के बाजार में आने में समय है. कीमत बढ़ने से रोकने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय ने प्याज का निर्यात रोकने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य जून के 250 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 425 डॉलर कर दिया है. फिलहाल अक्टूबर से पहले प्याज के दाम कम होने के कोई आसार नहीं दिख रहे.

क्यों बढ़ती है हर साल कीमतें?
ऐसा फिक्स पैटर्न रहा है कि हर साल इस दौर में प्याज की कीमतें बढ़ जाती हैं. प्याज को लेकर बाजार में हाय तौबा मचने लगती है. इस फिक्स पैटर्न के बारे में बेंगलुरू के आलू और प्याज के थोक व्यापारी श्रीनिवास गौड़ा का कहना है कि प्याज आपूर्ति बढ़ाने के लिए भंडार बनाने में असफलता तथा निर्यात पर नियंत्रण लगाने में देरी होने से हर साल इन महीनों में प्याज की कीमत बढ़ जाती है.

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