कई पन्नों को भरकर आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को भविष्य में आनलाइन रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य हो सकता है. इस संबंध में आयकर विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है.
आयकर विभाग करदाता संबंधी सेवाओं और कार्बन क्रेडिट प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से कागज आधारित दस्तावेजी प्रक्रिया को कम करने का अनुरोध करेगा.
विभाग अपने विशेष कार्यकारी समूह द्वारा तैयार प्रस्ताव को 26 फरवरी को पेश किये जाने वाले बजट में शामिल करने का अनुरोध करेगा.
सूत्रों ने बताया कि विभाग के विजन 2020 दस्तावजे में प्रस्ताव को शामिल किया जा रहा है ताकि कागजी कार्यवाही को घटाया जा सके और आयकर दाताओं को कंप्यूटर आधारित त्वरित सेवाएं मिले और पर्यावरण की भी रक्षा हो. विजन 2020 में अगले 10 साल के लिये विभाग के कामकाज का रोड मैप तैयार किया गया है.
प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों ने बताया, ‘‘कर अदायगी से संबंधित 16 से अधिक सेवाओं को शत प्रतिशत कागज रहित किया जा सकता है. इसमें आयकर रिटर्न दाखिल करना भी शामिल है. इस प्रस्ताव को विजन 2020 के दस्तावेज में शामिल किया जाएगा और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को सौंपा जाएगा ताकि बजट प्रस्तावों में इसे शामिल किया जा सके.’’ सूत्रों के अनुसार दीर्घकाल में विभाग इसके जरिये कार्बन क्रेडिट भी अर्जित कर सकता है.