ग्रीस को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए आईएमएफ और यूरोपियन यूनियन के नए मसौदे को ग्रीस की जनता ने नकार दिया है. देश के 61 फीसदी मतदाताओं ने वोट के लिए आए कड़ी शर्तों से भरे प्रस्ताव को खारिज कर दिया और मात्र 39 फीसदी लोगों ने इसके पक्ष में वोट दिया.
रविवार का रेफरेंडम के नतीजे जहां प्रधानमंत्री एलेक्सिस शिप्रास के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है, वहीं विपक्ष इस कदर दबाव में आ गया कि नेता विपक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एंतोनी समारास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
अब क्या होगा अगला कदम- दो दिन हैं अहम
सोमवार
रेफेरेंडम के नतीजों के बाद सोमवार को जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद पेरिस में मुलाकात कर सकते हैं. गौरतलब है कि दोनों ही देशों ने ग्रीस को बड़ा कर्ज दिया है और रेफेरेंडम के नतीजों के बाद वह अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे. गौरतलब है कि दोनों ही देश नहीं चाहते कि ग्रीस को यूरोपियन यूनियन से बाहर किया जाए.
मंगलवार
मंगलवार को यूरोजोन देशों के प्रमुखों और वित्त मंत्रियों के समूह की इमरजेंसी बैठक होगी. रेफेरेंडम के बाद ग्रीस की कोशिश होगी कि वह इस बैठक में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखते हुए एक बार फिर बातचीत की शुरुआत करे. इसके साथ ही ग्रीस की यह कोशिश रहेगी कि वह अगले 48 घंटों में यूरोजोन के अन्य देशों और आईएमएफ से व्यवहारिक समझौता करने में कामयाब हो जाए.
यूरोजोन के अन्य देशों की प्रतिक्रिया
हालांकि, ग्रीस के लिए आगे का रास्ता इतना आसान नहीं है क्योंकि यूरोप के कई दिग्गज देश अब ग्रीस के साथ अपना सब्र खो चुके हैं. यूरो क्षेत्र के वित्त मंत्रियों के समूह के प्रमुख जेरोन दिजसेलब्लोएम ने जनमत संग्रह के परिणाम को ग्रीस के भविष्य के लिए बहुत अफसोसजनक बताया.
नीदरलैंड
नीदरलैंड के वित्तमंत्री दिजसेलब्लोएम ग्रीस के धुर विरोधी रहे हैं. उन्होंने कहा, ग्रीस की अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए कड़े कदम व सुधार बेहद जरूरी हैं. अब हम ग्रीक अधिकारियों की पहल का इंतजार करेंगे.
जर्मनी
जर्मनी के वित्त मंत्री सिगमर गेब्रिएल ने कहा है कि ग्रीस की सरकार अपने लोगों पर एक कमजोर अर्थव्यवस्था थोप कर उन्हें नाउम्मीदी की राह पर ले जा रही है.
बेल्जियम
बेल्जियम के वित्तमंत्री जाहन वान ओवरवेड्त ने नरम प्रतिक्रिया देते हुए जनमत संग्रह के परिणामों को जटिल मुद्दा करार दिया और कहा, बातचीत बहाल करने के लिए दरवाजे खुले हैं.
क्या ग्रीस यूरोजोन से बाहर आएगा?
यूरोजोन की स्थापना के बाद से कोई भी देश यूरो करेंसी से बाहर नहीं निकला है. हालांकि अब माना जा रहा है कि इसकी संभावना बढ़ गई है, खासतौर पर अगर प्रमुख कर्जदाता जैसे यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) दोबारा बातचीत शुरू करने से मना कर दे.
ग्रीस के लिए नए बेलआउट पर सहमति नहीं होने की स्थिति में अगले कुछ दिनों में ग्रीस के बैंकों में पैसा खत्म हो जाएगा. इस स्थिति में उसे आईओयू विकल्प का सहारा लेते हुए सैलेरी और पेंशन का भुगतान करना पड़ सकता है, या फिर यूरोजोन की करेंसी से बाहर निकल कर अपनी करेंसी ड्राचमा का इस्तेमाल करना पड़ सकता है. हालांकि रेफेरेंडम में ग्रीस के 70 फीसदी लोगों ने यूरो को छोड़ने के खिलाफ अपना मत दिया है.