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अनलॉक के बीच सुधार के संकेत, जून में संगठित क्षेत्र में मिलीं 6.55 लाख नौकरियां

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मुताबिक जून में नये रजिस्ट्रेशन बढ़कर 6.55 लाख तक पहुंच गये, जबकि मई महीने में यह संख्या 1.72 लाख ही रही थी. इन आंकड़ों से कोविड-19 संकट के मौजूदा दौर में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति का संकेत मिलता है.

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ईपीएफओ ने जारी किये रोजगार के आंकड़े
ईपीएफओ ने जारी किये रोजगार के आंकड़े

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  • लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत
  • जून महीने में पीएफ रजिस्ट्रेशन की संख्या काफी बढ़ी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मुताबिक जून महीने में करीब 6.55 लाख नए लोगों को संगठित क्षेत्र में नौकरियां मिली हैं. इन आंकड़ों से कोविड- 19 संकट के मौजूदा दौर में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति का संकेत मिलता है.

मई में काफी कम थी संख्या

ईपीएफओ के अनुसार जून में नये रजिस्ट्रेशन शुद्ध रूप से बढ़कर 6.55 लाख तक पहुंच गये, जबकि मई महीने में यह संख्या 1.72 लाख ही रही थी. शुद्ध डेटा का मतलब है कि जो लोग नौकरी छोड़कर गये, उन्हें इसमें हटा दिया गया. पुन: जो लोग दोबारा से जुड़े, उन्हें इसमें शामिल किया गया.

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ईपीएफओ ने यह भी कहा कि अनुमान में अस्थायी कर्मचारी शामिल हो सकते हैं जिनका योगदान हो सकता है पूरे साल जारी नहीं रहे. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ जुड़े कुल अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से अधिक है. ईपीएफओ के नियमित वेतन रजिस्टर यानी ‘पेरोल’ आधारित इन ताजा आंकड़े से यह जानकारी सामने आई है.

अप्रैल में आई थी भारी गिरावट

ईपीएफओ के मई में जारी आंकड़े के अनुसार नये पंजीकरण की संख्या मार्च, 2020 में घटकर 5.72 लाख पर आ गई थी जो फरवरी में 10.21 लाख थी. गुरुवार को जारी ताजा आंकड़े के अनुसार अप्रैल में नए पंजीकरण केवल 20,164 रहे जबकि जुलाई में जारी अस्थायी आंकड़े में यह संख्या एक लाख थी.

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पिछले साल 78 लाख नए अंशधारक

गौरतलब है कि शुद्ध रूप से ईपीएफओ के पास हर महीने औसतन करीब सात लाख नये पंजीकरण होते है. आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान नये अंशधारकों की कुल संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी. ईपीएफओ अप्रैल, 2018 से नये अंशधारकों के आंकड़े जारी कर रहा है. इसमें सितंबर 2017 से आंकड़ों को लिया गया है.

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(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)

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