कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण देश की जीडीपी माइनस में चली गई है. लगातार दो तिमाही में जीडीपी के आंकड़े डराने वाले हैं और मंदी की आहट सुनाई देने लगी है. इस बीच कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की ओर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है. पिछली तिमाही में जीडीपी की गति - 8.6 फीसदी रहने की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पी. चिदंबरम ने कहा कि हालात काफी चिंताजनक हैं, ऐसे में सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए ये वक्त किसी तरह के जश्न का नहीं है.
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी जैसे फैसलों ने देश के करोड़ों लोगों पर असर डाला और उसका किसी को कुछ फायदा नहीं हुआ. आज देश में सिर्फ एक फीसदी आबादी के पास कुल आबादी की बीस फीसदी कमाई है, ऐसे में किस तरह लोगों का भला होगा. आज जीडीपी फिर एक बार माइनस में पहुंची है, ऐसे में जब मंदी सिर पर खड़ी है तो फिर सरकार को किसी तरह का जश्न नहीं मनाना चाहिए.
The very poor are outside of formal economy. The other persons who have lost their jobs or livelihood, unless money is put in their hands, they will not be able to contribute to the revival of demand and consequent revival of economy: Shri @PChidambaram_IN pic.twitter.com/zct0IiFalE
— Congress (@INCIndia) November 13, 2020
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि इस वक्त न्याय योजना की जरूरत है, ताकि लोगों के हाथ में पैसा पहुंच सके. किसानों को मदद दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार ने नए किसान बिल लाकर किसानों पर संकट बढ़ा दिया है. जबतक आम आदमी के पास पैसा नहीं होगा, तो फिर अर्थव्यवस्था कैसे आगे बढ़ेगी.
आपको बता दें कि हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जिसमें दावा किया गया कि जुलाई से सितंबर की तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ माइनस 8.6 फीसदी रही है. हालांकि यह आधिकारिक आंकड़ा नहीं है और सरकार द्वारा आंकड़े अभी जारी होने हैं. इससे पहले जीडीपी - 24 फीसदी तक गिरी थी. केंद्र का दावा है कि अर्थव्यवस्था तेजी से रिकवर कर रही है.
पी. चिदंबरम से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साधा था. राहुल ने ट्वीट किया था कि इतिहास में पहली बार भारत ने आर्थिक मंदी में प्रवेश किया है. उन्होंने इसे लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनके कार्यों ने भारत की मजबूती को कमजोरी में तब्दील कर दिया है.