पुलवामा हमले, बालाकोट में भारतीय वायु सेना के स्ट्राइक और कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद बने तनाव के माहौल की वजह से पाकिस्तान को भारत से होने वाली चाय की निर्यात में 50 फीसदी से ज्यादा की भारी गिरावट आई है.
जनवरी से अगस्त 2019 के दौरान भारत से पाकिस्तान को चाय का निर्यात सिर्फ 48 लाख डॉलर (करीब 34 करोड़ रुपये) मूल्य के 31.4 लाख किलोग्राम का हुआ है. पिछले साल इसी अवधि के दौरान पाकिस्तान को भारत से चाय का निर्यात 90.2 लाख डॉलर (करीब 64 करोड़ रुपये) मूल्य के 61.7 लाख किलोग्राम का हुआ था.
इसकी तुलना में साल 2018 के पहले 10 महीनों में पाकिस्तान को भारत से चाय का निर्यात 22 फीसदी बढ़कर 1.3 करोड़ किग्रा का हुआ था. बिजेनस स्टैंडर्ड के अनुसार, पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा चाय आयातक देश है. पाकिस्तान हर साल करीब 56 करोड़ डॉलर मूल्य के चाय का आयात करता है, जबकि रूस हर साल 49 करोड़ डॉलर मूल्य के चाय का आयात करता है.
क्यों गिरा निर्यात
टी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से अगस्त 2019 के दौरान भारत से पाकिस्तान को चाय निर्यात 31.4 लाख किलोग्राम का हुआ था. निर्यातकों का कहना है कि पाकिस्तान को चाय के निर्यात में गिरावट की मुख्य वजह यह है कि दोनों देशों के बीच बने तनाव के माहौल में एक तो व्यापारी जनभावना के खिलाफ जाकर व्यापार करने से हिचक रहे हैं, दूसरे व्यापारियों में पेमेंट हासिल करने को लेकर आशंका बनी है, इसलिए अब व्यापारी पाकिस्तान को चाय का निर्यात घटाने लगे हैं.
व्यापारियों का कहना है कि पाकिस्तानी व्यापारी आमतौर पर तो पेमेंट देने में कोई गड़बड़ नहीं करते, लेकिन पुलवामा हमले के बाद माहौल बदल गया है. हालात खराब हैं, इसलिए इस बात को लेकर व्यापारियों में आशंका बनी हुई है कि वे जो माल भेजते हैं, उसका पेमेंट मिल पाएगा या नहीं.
पुलवामा के बाद बिगड़ा माहौल
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत ने बदले की कार्रवाई में पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक किया था. इसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया और भारत सरकार ने पाकिस्तानी वस्तुओं के आयात पर 200 फीसदी का आयात कर लगा दिया. इससे व्यापार काफी बाधित हो गया और दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग ठप है. हालांकि पाकिस्तान ने अपनी जरूरतों को देखते हुए भारतीय चाय के आयात पर आयात शुल्क 11 फीसदी का ही बरकरार रखा है.
खासकर दक्षिण भारत के किफायती चाय वेराइटी के लिए पाकिस्तान एक अच्छा बाजार रहा है. दोनों देशों के बीच तनाव जब बढ़ जाता है, तो भारतीय निर्यातक अपना माल किसी तीसरे देश से होकर भेजते हैं. उदाहरण के लिए भारत से चाय पहले दुबई या कजाकिस्तान जाती है और फिर वहां से पाकिस्तान चली जाती है. इस बार पाकिस्तान को तीसरे देश के माध्यम से होने वाला निर्यात भी काफी घट गया है.