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संसद का शीतकालीन सत्र शुरू: इकोनॉमी से जुड़े ये महत्वपूर्ण बिल होंगे पेश

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. संसद के मौजूदा सत्र में इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी बिल (IBC) बिल से लेकर टैक्सेशन लॉ बिल तक कई महत्वपूर्ण आर्थ‍िक विधेयकों पर चर्चा होगी.

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संसद के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश
संसद के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश

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  • संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया
  • इस सत्र में कई महत्वपूर्ण आर्थ‍िक बिल पेश हो रहे हैं
  • इनमें इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी बिल भी शामिल है

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. इस सत्र में कई महत्वपूर्ण आर्थ‍िक बिल पेश किए जाने हैं जिन पर चर्चा होगी. इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी बिल (IBC) बिल से लेकर टैक्सेशन लॉ बिल तक संसद के मौजूदा सत्र में कई महत्वपूर्ण आर्थ‍िक विधेयकों पर चर्चा होगी. आइए इनके बारे में जानते हैं.

1. कंपनी (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019

इस बिल के द्वारा कंपनी एक्ट 2013 में संशोधन किया जाएगा. इसके द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी यानी सीएसआर के पालन के नियम को आसान बनाया जाएगा, नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के पास जाने वाले मामलों का बोझ कम किया जाएगा, कई गलतियों को अपराध के दायरे से बाहर किया जाएगा और ईज ऑफ डूंइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया जाएगा.

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2. इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी (दूसरा संशोधन) बिल, 2019

इस विधेयक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 24 जुलाई, 2019 को राज्यसभा में पेश किया गया था. यह बिल इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड, 2016 में संशोधन है. इसका उद्देश्य कंपनियों और लोगों में इन्सॉल्वेंसी यानी दिवालियापन के मसलों के समाधान के लिए समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए.

3. मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज  (संशोधन)  बिल, 2019

इस बिल के द्वारा मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट, 2002 में बदलाव किया जाएगा. इसके द्वारा मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज के कामकाज में सरकार की भूमिका को तर्कसंगत बनाने और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है. हाल में पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में घोटाले को देखते हुए यह बिल महत्वपूर्ण है.

4. टैक्सेशन लॉज (संशोधन) ऑर्डिनेंस, 2019

यह ऑर्डिनेंस काफी महत्वपूर्ण है. टैक्सेशन लॉज (संशोधन) ऑर्डिनेंस के द्वारा कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स सीमा को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी करने और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए 25 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव है.

5. प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक, 2019

इस संशोधन विधेयक के द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के कामकाज के ढांचे में कुछ संरचनात्मक बदलाव करने का लक्ष्य है. इसके द्वारा पूरे देश में सीसीआई के क्षेत्रीय दफ्तर खोले जाएंगे और सीसीआई की गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा.

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6. पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल

इस बिल के द्वारा लोगों के पर्सनल डेटा के सभी तत्वों की सुरक्षा और रेगुलेशन सुनिश्चित करने और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है.

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