सरकारी बैंकों का बढ़ता हुआ बैड लोन केंद्र सरकार के गले की फांस बन रहा है. अब गैर-निष्पादित संपत्तियों (NPA) को लेकर वित्त मामलों की संसदीय समिति सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों के प्रमुख से सवाल-जवाब करेगी. इसके लिए ये सभी बैंक प्रमुख मंगलवार को समिति के सामने पेश होंगे.
कांग्रेस के नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस समिति के सामने ये बैंक प्रमुख बढ़ते एनपीए के अलावा धोखाधड़ी के मामलों को लेकर भी बात करेंगे. सूत्रों के मुताबिक कल यह बैठक होनी है.
इस बैठक में देश में बैंकों के बिगड़ते स्वास्थ्य और उनके सामने खड़ी एनपीए समेत अन्य दिक्कतों को लेकर बात होगी. सूत्रों की मानें तो इस बैठक में आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक आफ इंडिया, देना बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कॉरपोरेशन बैंक व इलाहाबाद बैंक के अधिकारी पेश होंगे.
इस दौरान ये लोग समिति के कई तीखे सवालों के जवाब भी देंगे. बता दें कि इससे पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल भी संसदीय समिति के सामने पेश हो चुके हैं.
उर्जित पटेल से भी बैंकों के बढ़ते एनपीए को लेकर सवाल पूछे गए थे. उनसे इसके साथ ही बैंक घोटालों पर लगाम कसने की खातिर भी कई सवाल किए गए थे.
संसदीय समिति ने इस दौरान पूछा था कि पंजाब नेशनल बैंक में हुआ घोटाला सालों तक चलता रहा, लेकिन इसका किसी को पता नहीं चला. समिति ने उर्जित से सवाल किया कि आरबीआई के सख्त ऑडिट नॉर्म्स हैं, उसके बावजूद यह घोटाला कैसे हुआ?