बीते कुछ समय से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स रिफंड की प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है. कोरोना संकट काल को देखते हुए टैक्सपेयर्स को काफी तेजी से रिफंड भी मिल रहा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस कामकाज से पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा काफी खुश हैं.
उन्होंने ट्विटर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और वित्त मंत्रालय को टैक्स रिफॉर्म के लिए बधाई भी दी है. हालांकि, इस बधाई संदेश में कुछ ऐसा था, जिस पर बाद में विजय शेखर शर्मा को सफाई भी देनी पड़ी.
क्या है मामला?
दरअसल, पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने एक स्क्रीन शॉट शेयर किया. संभवत: ये स्क्रीन शॉट किसी व्हाट्सऐप ग्रुप का है. इस ग्रुप में टैक्स रिफंड की धुंधली डिटेल दी गई है, जो साफतौर पर पढ़ी जा सकती है. इस डिटेल को शेयर करते हुए विजय शेखर शर्मा ने लिखा— हमारा देश टैक्स रिफंड के लिहाज से बिल्कुल सही दिशा में चल रहा है. टैक्स रिफॉर्म के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और वित्त मंत्रालय को बधाई.
Yes I figured every number is visible.
Anyways, an indian company’s all numbers are available to public on RoC website.
Appreciate, calls and messages by well wishers. 🙏🏼😊
The key message is that, India is marching forward and cutting red tape. 🇮🇳 https://t.co/50QML2iJSQ
— Vijay Shekhar Sharma (@vijayshekhar) July 28, 2020
विजय शेखर शर्मा के इस ट्वीट पर लोगों के कमेंट आने लगे. कई लोगों ने कहा कि आपने जो स्क्रीन शॉट शेयर किया है, उसमें सबकुछ साफ दिखाई दे रहा है. कुछ लोगों ने तो पेटीएम की प्राइवेसी पर भी सवाल खड़े कर दिए. इस मामले को बढ़ते देख पेटीएम के फाउंडर ने एक और ट्वीट किया.
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इस नए ट्वीट में विजय शेखर शर्मा ने लिखा—हां यह सही है कि हर नंबर दिख रहा है. वैसे भी, भारतीय कंपनी के सभी नंबर RoC की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं. मेरा मुख्य मकसद यह है कि भारत आगे बढ़ रहा है और लाल फीताशाही को काट रहा है.
71,229 करोड़ रुपये के रिफंड जारी
आपको बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड देने के लिए लगातार काम कर रहा है. हाल के आंकड़ों के मुताबिक आठ अप्रैल से 11 जुलाई के बीच 21.24 लाख टैक्सपेयर्स को 71,229 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए. इसमें 24,603 करोड़ रुपये का रिफंड व्यक्तिगत आयकरदाताओं का शामिल है, जिनकी संख्या 19.79 लाख है. वहीं कंपनी कर के तहत 1.45 लाख टैक्सपेयर्स को 46,626 करोड़ रुपये वापस किये गये हैं.