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जनता पर पड़ेगी महंगाई की मार, अबकी बार पेट्रोल-डीजल जा सकता है 100 के पार!

देश में ​पेट्रोल-डीजल के दाम करीब 18 दिन से लगातार बढ़ रहे हैं. जानकारों का कहना है कि यह गति ऐसे ही जारी रही, तो पेट्रोल-डीजल के भाव 100 रुपये को भी पार कर सकते हैं. दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 79.88 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आगे भी बढ़त की आशंका
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आगे भी बढ़त की आशंका

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  • पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आगे भी बढ़ोतरी होने की आशंका
  • अचरज की बात नहीं कि इनके रेट 100 रु. लीटर को पार कर जाएं

दिल्ली में डीजल की कीमत, पेट्रोल से ज्यादा हो गई है. देश में ​पेट्रोल-डीजल के दाम करीब 18 दिन से लगातार बढ़ रहे हैं. जानकारों का कहना है कि यह गति ऐसे ही जारी रही, तो पेट्रोल-डीजल के भाव 100 रुपये को भी पार कर सकते हैं.

बुधवार को डीजल के दाम में 48 पैसे की बढ़ोतरी हुई. अब दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 79.88 रुपये प्रति लीटर हो गई है. यह लगातार 18वां दिन है जब डीजल के भाव बढ़े हैं.

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क्यों बढ़ रही कीमत

इंडिया टुडे हिंदी के संपादक अंशुमान तिवारी बताते हैं, 'तेल कंपनियों ने भारत में पेट्रोल-डीजल के भाव तब बढ़ाने शुरू किए जब कच्चा तेल काफी नीचे 19 डॉलर प्रति बैरल के आसपास था. तो अब कच्चे तेल का रेट बढ़ रहा है. ब्रेंट क्रूड 40 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गया है.

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तेल कंपनियों के पास जो इन्वेंट्री है उसमें भी उन्हें नुकसान हो रहा है. मांग कम हो गई है और उनके मार्जिन माइनस में आ गए हैं. तो वे इस नुकसान की भरपाई अपना मार्जिन बढ़ाकर करेंगी. एक्साइज ड्यूटी में सरकार ने करीब 13 रुपये तक की बढ़त कर दी है. इसका भी पूरा बोझ अभी ग्राहकों पर नहीं डाला गया है. ऐसे में स्वाभाविक है कि आगे रेट और बढ़ाने पड़ेंगे. यही गति जारी रही तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी पेट्रोल-डीजल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर जाए.'

अभी और बढ़ेगी कीमत!

अंशुमान तिवारी ने कहा कि डीजल-पेट्रोल की कीमतें अभी और बढ़ने के ही पूरे आसार हैं. अभी तेल कंपनियां दाम बढ़ा रही हैं. इसके बाद राज्य सरकारें इस पर वैट बढ़ाएंगी. लॉकडाउन की वजह से राज्यों की इकोनॉमी की हालत खराब ही है. कई राज्य एक बार डीजल पर वैट बढ़ा चुके हैं. वे अब फिर मौके की तलाश में हैं कि कब पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने का मौका मिले.

ये है दाम बढ़ाने की क्रोनोलॉजी

तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़त की क्रोनोलॉजी को आप इस तरह से समझ सकते हैं. पहले केंद्र सरकार ने इस पर लगातार टैक्स बढ़ाया, अब तेल कंपनियां दाम बढ़ाकर अपना बहीखाता ठीक कर रही हैं और आगे राज्य सरकारें टैक्स बढ़ाकर अपना राजस्व बढ़ाने की कोशिश करेंगी. यानी तेल को सरकारों ने टैक्स के मामले में दुधारू गाय समझ लिया है. इस सबका पूरा बोझ जनता पर जाएगा. तो दाम इसी तरह बढ़ते रहे तो पेट्रोल-डीजल का रेट 100 रुपये लीटर को पार कर सकता है.

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ऐसा तभी नहीं होगा कि जब सरकार कोई विशेष कदम उठाकर इसे रोकने की कोशिश करे, लेकिन यह राहत भी लग रहा कि कई राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले नहीं मिलने वाली है.

अंशुमान तिवारी ने कहा कि यह सरकार ने पहले से तय कर रखा है कि डीजल और पेट्रोल की कीमतें बराबरी पर लानी है क्योंकि दोनों की लागत लगभग बराबर है. दूसरे देशों में अक्सर डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा रखी जाती है. इसकी वजह यह है कि इसकी उत्पादन लागत पेट्रोल के मुकाबले थोड़ा ज्यादा ही होती है. लेकिन भारत में सरकारें अभी तक सब्सिडी और टैक्स के द्वारा इसे सस्ता रखने का प्रयास करती रही हैं, क्योंकि यह खेती, ट्रांसपोर्ट, बिजली जैसे बेहद जरूरी कामों में इस्तेमाल होता है.

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राज्यों की कीमत में क्यों है अंतर

इंडियन ऑयल के मुताबिक पेट्रोल की बेस प्राइस जहां 22.11 रुपये प्रति लीटर है, वहीं डीजल की बेस प्राइस 22.93 रुपये प्रति लीटर है. यानी डीजल की लागत थोड़ी ज्यादा ही है. जिस राज्य में डीजल पर टैक्स ज्यादा है, वहां अब डीजल का रेट ज्यादा हो गया है. यूपी जैसे कृषि प्रधान राज्यों में अभी डीजल पर वैट कम है, इसलिए वहां अभी डीजल का रेट कम है.

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क्या होगा असर

पिछले 18 दिनों में डीजल की कीमत में 10.48 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है जबकि पेट्रोल भी 8.50 रुपये महंगा हुआ है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई की ओर बढ़ने की वजह से अगले दिनों में महंगाई का तगड़ा झटका जनता को लगने वाला है. खासकर डीजल का रेट बढ़ना ज्यादा नुकसानदेह है. भारत में डीजल का इस्तेमाल कृषि, ट्रांसपोर्ट जैसे जरूरी काम में किया जाता है.

डीजल के रेट बढ़ने से कृषि पैदावार के रेट बढ़ेंगे और तमाम सामान की ढुलाई भी बढ़ जाएगी. ट्रकों का भाड़ा बढ़ जाएगा. इसकी वजह से महंगाई बढ़ने के पूरे आसार हैं.

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