भारत सरकार ने बेतहाशा बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों से आम आदमी को राहत देने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर दी है. गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए तेल कंपनियों को भी कीमतें कम करने की खातिर भार उठाने के लिए कहा है. सरकार की इस घोषणा के बाद लगातार तेल कंपनियों के शेयर लाल निशान के नीचे बने हुए हैं.
इस घोषणा के बाद शुक्रवार को भी तेल कंपनियों के शेयर लाल निशान के नीचे कारोबार कर रहे हैं. फिलहाल (11.26AM) सबसे ज्यादा गिरावट हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयरों में देखने को मिल रही है. कंपनी के शेयर 20.52 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं.
हिंदुस्तान पेट्रोलियम के बाद भारत पेट्रोलियम के शेयर भी लाल निशान के नीचे हैं. इनमें भी भारी गिरावट देखने को मिल रही है. इस कंपनी के शेयर 17.32 फीसदी की गिरावट के साथ निफ्टी-50 पर कारोबार कर रहे हैं.
इन दोनों कंपनियों के अलावा इंडियन ऑयल कंपनी के शेयर 13.51 अंकों की गिरावट के साथ, ओएनजीसी के शेयर 10.93 फीसदी और गेल के शेयर भी 7.45 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं.
बता दें कि गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2.50 रुपये की कटौती का एलान किया. इस दौरान उन्होंने तेल कपंनियों को 1 रुपये की कटौती प्रति लीटर करने के लिए कहा और राजस्व विभाग 1.50 रुपये वहन करेगा.
वित्त मंत्री ने सभी राज्यों से भी वैट घटाने की अपील की. इसी अपील का असर था कि जेटली की घोषणा के बाद ही भाजपा शासित ज्यादातर राज्यों ने वैट में कटौती कर दी.
हालांकि वित्त मंत्री की तरफ से यह घोषणा किए जाने के तुरंत बाद ही शेयर बाजार में हलचल मच गई और तेल कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए. गुरुवार से शुरू हुई यह गिरावट आज भी जारी है.