पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. पहले कच्चे तेल की कीमतें घटने के बाद भी आम लोगों को इससे राहत नहीं मिली. अब कच्चे तेल की कीमतें बढ़नी भी शुरू हो गई हैं. इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आने के आसार फिलहाल नहीं दिख रहे. लेकिन देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के लिए सिर्फ कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा जिम्मेदार नहीं है, बल्कि सरकार की तरफ से इस पर लगाया जाने वाला टैक्स भी एक वजह है. भले ही आपकी जेब पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार डाका डाल रही हों, लेकिन सरकार को इससे अच्छा-खासा राजस्व हासिल हुआ है और हो रहा है. वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार को पेट्रोल-डीजल से 2.67 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है.
साल दर साल बढ़ी है सरकार की कमाई
मध्य प्रदेश के समाजसेवी चंद्रशेखर गौड़ की तरफ से फाइल की गई आरटीआई के जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिस्टम एंड डाटा मेंटेनेंस (डीजीएसडीएम) के तरफ से आरटीआई के जवाब में दिए गए डाटा से पता चला है कि साल-दर-साल पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले अप्रत्यक्ष कर से सरकार की आय लगातार बढ़ी है.
5 गुना बढ़ी है सरकार की आय
डीजीएसडीएम की तरफ से दिए गए डाटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2013 में सरकार को पेट्रोल-डीजल से 98,602 करोड़ रुपये की आय हुई. वित्त वर्ष 2013-14 में सरकार ने पेट्रोल-डीजल की बदौलत 104,163 करोड़ रुपये कमाए. वित्त वर्ष 2015 में बढ़कर यह कमाई 122,926 करोड़ रुपये पर पहुंची. 2015-16 में सरकार की आय पेट्रोल-डीजल से 203,825 लाख करोड़ रुपये हो गया. सिर्फ 5 साल के दौरान पेट्रोल-डीजल से सरकार की कमाई 5 गुना बढ़ी है.
126 फीसदी बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी
ऑयल कंपनियों के स्तर पर 31 रुपए में 1 लीटर पेट्रोल तैयार हो जाता है. इसके बाद उस पर केंद्र सरकार की तरफ से टैक्स वसूला जाता है. इसका मतलब है कि आप 48 रुपए से ज्यादा तो सिर्फ टैक्स दे रहे हैं. साल 2014 से अब तक केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 126 फीसदी बढ़ा दी है. वहीं, डीजल पर लगने वाली ड्यूटी में 374 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. यही वजह है कि कुछ समय तक कच्चे तेल की कीमतें लगातार घटने के बाद भी इसका फायदा आपको नहीं मिल पा रहा है.