अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है. सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल के कीमतों में गिरावट हो सकती है. पेट्रोल 2 रुपये तक सस्ता हो सकता है.
सरकार ने नहीं, इन वजहों ने घटाए तेल के दाम
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतें गिरकर 45 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंची हैं, जिससे भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें गिरने के आसार पैदा हो गए हैं. हालांकि तेल कंपनियां अभी इसमें आनाकानी कर रही हैं क्योंकि उन्होंने ज्यादा दाम देकर कच्चा तेल खरीदा था. अगर वे अभी तुरंत दाम गिराते हैं तो उस पैसे की वसूली नहीं हो पाएगी. नई कीमतों का असर कम से कम एक महीने में पड़ता है.
तेल कंपनियों को सरकार के दबाव में पेट्रोल-डीजल की कीमतें गिरानी ही होंगी. अगर वे ऐसा नहीं करतीं तो सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा देगी. एक सूत्र ने कहा कि अगर तेल कंपनियां अभी दाम नहीं गिराती हैं तो बाद में वे दाम बढ़ा भी नहीं पाएंगी. विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतें अभी और गिर सकती हैं क्योंकि खाड़ी के देशों ने उत्पादन घटाने का फैसला नहीं किया है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती के पीछे एक तर्क यह भी है कि डॉलर पहले से मजबूत हो रहा है. जनवरी में जहां 63.45 रुपये का एक डॉलर था वह अब घटकर 62.16 रुपये पर आ गया है. अंदाजा है कि तेल कंपनियां इस हफ्ते या 31 जनवरी तक पेट्रोल-डीजल के दाम गिराएंगी.