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पेट्रोल की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा

कमरतोड़ महंगाई से जूझ रही आम जनता पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है. पेट्रोल की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो गया है. बढ़ी हुई कीमतें आज आधी रात से लागू होंगी.

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पेट्रोल
पेट्रोल

जैसी आशंका थी, वही हुआ और इस बार पेट्रोल के दाम दो रुपये बढ़ा दिए गए. नई कीमतें आधी रात से लागू हो रही हैं. और इसी के साथ लोगों के भीतर ये आशंका भी बढ़ गई है कि कहीं तीन महीने की शांति के बाद फिर से दाम बढ़ाने का पुराना सिलसिला ना शुरू हा जाए.

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कमजोर होते रुपये के बीच ये आम आदमी के लिए बड़ा झटका है. दो रुपये की वृद्धि में स्थानीय बिक्री कर अथवा वैट शामिल नहीं है. इसलिए वास्तविक मूल्यवृद्धि इससे ज्यादा होगी. डीजल के दाम में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया. दिल्ली में पेट्रोल के दाम 2.40 रुपये बढ़कर 66.39 रुपये हो गए जो पूर्व में 63.99 रुपये थे. इससे पहले तेल कंपनियों ने एक जून को पेट्रोल के दाम में 75 पैसे लीटर की बढ़ोतरी की थी.

मुंबई में पेट्रोल के दाम 2.52 रुपये बढ़कर 74.60 रुपये प्रति लीटर हो गये, जबकि कोलकाता में दाम 71.29 रुपये से बढ़कर 73.79 रुपये प्रति लीटर हो गये. वहीं चेन्नई में पेट्रोल के दाम 2.54 रुपये बढ़कर 69.39 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गये. इंडियन ऑयल कारपोरेशन के एक अधिकारी ने कहा, ‘पिछली बार की गई मूल्य वृद्धि के बाद से डालर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हुआ है और यह 55.32 से गिरकर 57.08 रुपये प्रति डालर रह गया.’

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उन्होंने कहा, ‘इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम भी बढ़े हैं. इन दोनों कारकों के चलते पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं.’ दूसरी ओर, इस साल जनवरी में सरकार द्वारा सार्वजनिक तेल कंपनियों को डीजल के दाम बढ़ाने के लिए अधिकृत किए जाने के बाद से डीजल के दाम पांच बार बढ़ाए गए हैं.

हालांकि, यह मूल्यवृद्धि हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर रही. डीजल के मूल्य में अगला संशोधन इस महीने के अंत तक हो सकता है. उन्होंने बताया कि डीजल बिक्री पर घाटा इस महीने की शुरआत में 4.87 रुपये प्रति लीटर था जो अब बढ़कर 6.31 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है.

इसके अलावा, तेल कंपनियों को केरोसिन पर 27.75 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस पर 335.14 रुपये प्रति सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) का घाटा हो रहा है. कंपनी ने कहा कि वर्तमान दर पर आईओसी को चालू वित्त वर्ष के अंत तक कुल करीब 60,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है, जबकि यमूचे उद्योग को (आईओसी व अन्य सार्वजनिक तेल कंपनियां) करीब 1,12,500 करोड़ रुपये की वसूली का नुकसान होने का अनुमान है.

शाम को जैसे ही लोगों ने तेल का दाम बढ़ने की खबर सुनी, पेट्रोल पंपों पर भीड़ लगने लगी. पेट्रोल का दाम बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है डॉलर के मुकाबले रुपये का लगातार कमजोर पड़ना. तेल कंपनियों ने कीमतों को बढ़ना ही सबसे सुरक्षित विकल्प माना. बाकी पब्लिक का क्या, उसे तो आदत पड़ चुकी है. पिछले तीन महीने में पहली बार है कि पेट्रोल का दाम बढ़ाया गया है. लेकिन आगे फिर कब तेल में आग लग जाए, कौन जानता है.

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