पेट्रोल की कीमतें आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकाल के सर्वोच्च स्तर 74.40 रुपये प्रति लीटर और डीजल की दरें सर्वकालिक उच्च स्तर 65.65 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं. इससे उपभोक्ताओं के ऊपर पड़ रहे दबाव को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग तेज हो गई है.
पेट्रोल-डीजल के दाम 19-19 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी
दरअसल तेल कंपनियां पिछले साल जून से रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतें संशोधित कर रही हैं. आज जारी अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल-डीजल की कीमतें 19-19 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दी गई हैं. अधिसूचना में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने से घरेलू बाजार में भी वृद्धि करनी पड़ी है. इससे पहले शनिवार को भी पेट्रोल की कीमतें 13 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल की कीमतें 15 पैसे प्रति लीटर बढ़ाई गई थीं.दक्षिण एशिया में तेल भारत में सबसे महंगा
देश में विपणन दरों में लगभग आधी हिस्सेदारी करों की है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच उत्पाद शुल्क में 9 बार बढ़ोतरी की. उत्पाद शुल्क में महज एक बार पिछले साल अक्तूबर में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई.
विपक्ष का चौतरफा हमला
गौरतलब है कि तेल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि सरकार के लिए चिंता का सबब बनी है. विपक्ष इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर रहा है तो जनता भी कीमतों में इजाफे से हलकान है. कुछ दिन पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि सरकार ने तेल कंपनियों से तेल की कीमतों में फिलहाल बढ़ोतरी नहीं करने के लिए कहा था. क्योंकि विपक्ष कर्नाटक चुनाव में इस मुद्दे को लगातार उछाल रहा था.