बड़ी संख्या में अटकी पड़ी राजमार्ग और सड़क परियोजनों के मद्देनजर मोदी सरकार की महत्वकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना क्षेत्र के लिये वरदान साबित होगी. उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि बैंकों ने अपने फंसे कर्ज (एनपीए) को कम करने के लिये बड़ी संख्या में अटकी पड़ी परियोजनाओं का रास्ता साफ करने के लिये कमर कस ली है, इससे सड़क एवं परिवहन क्षेत्र को लाभ होने की उम्मीद है.
उच्च गुणवत्ता वाले राजमार्ग, सीमावर्ती क्षेत्र को जोड़ने वाली लंबी सड़क परियोजना को सर्वाधिक अहमियत मिलने की संभावना है क्योंकि इससे सरकार की महत्वकांक्षी स्मार्ट सिटी पहल को गति मिलेगी. स्मार्ट सिटी तथा मेक इन इंडिया को लेकर पीएचडी चैंबर 3-4 जुलाई को स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रा समिट एंड एक्सपो का आयोजन कर रहा है. इसकी जानकारी देते हुए पीएचडी चैंबर (दिल्ली समिति) के चेयरमैन रजनीश गोयनका ने कहा, कोष तथा इक्विटी की कमी के कारण पिछले वित्त वर्ष में 3,500 किलोमीटर सड़क निर्माण के लक्ष्य से संबद्ध 33 सड़क परियोजनाएं आगे नहीं बढ़ सकी.
गोयनका ने बताया कि वैश्विक सम्मेलन में इस बात पर विचार किये जाने की संभावना है कि आखिर सार्वजनिक भागीदारी मॉडल क्यों सफल नहीं हुआ और सड़क परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के लिये इंजीनियरिंग प्रोक्यूरमेंट कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) माडल बेहतर समाधान क्यों हैं.