पीएम मोदी ने मंगलवार को गुजरात के गांधी नगर में आयोजित हो रहे विश्व आलू सम्मेलन (Global Potato Conclave 2020) का उद्धाटन किया. उन्होंने दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा इस सम्मेलन की शुरुआत की और किसानों-प्रतिनिधियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में खेती के तमाम प्रयासों में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
गुजरात बना आलू उत्पादन का केंद्र
पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात बीते दो दशकों में आलू के एक्सपोर्ट और उत्पादन का हब बनकर उभरा है. बीते 10 साल में जहां भारत में आलू का उत्पादन 20 फीसदी की दर से बढ़ा है, वहीं गुजरात में यह 170 फीसदी की दर से बढ़ा है. यह पिछले दशकों की राज्य सरकार की नीतिगत निर्णयों और सिंचाई की सुविधाओं की वजह से हो पाया है.
पीएम मोदी ने कहा, 'इस कॉन्क्लेव की खास बात ये भी है कि यहां Potato Conference, AgriExpo और Potato Field Day, तीनों एक साथ हो रहे हैं. मुझे बताया गया है कि करीब 6 हजार किसान फील्ड डे के मौके पर खेतों में जाने वाले हैं. यह सराहनीय कदम है. यह भी अच्छी बात है कि यह कॉन्क्लेव दिल्ली से बाहर किसानों के बीच हो रहा है.'
उन्होंने कहा, 'किसानों के प्रयास और सरकार की नीतियों का असर यह है कि कई अनाज के उत्पादन में भारत दुनिया के टॉप 3 कंट्री में है. एक समय हमारे सामने बाढ़ का संकट आ गया था, लेकिन हमारे किसानों ने इस संकट पर भी विजय पाई.'
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क्या करेगी सरकार
पीएम मोदी ने कहा, 'खेती को लाभकारी बनाने के लिए सरकार का प्रयास खेत से लेकर फूड प्रोसिसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का एक व्यापक नेटवर्क तैयार करने का है. आने वाले पांच साल में इन तमाम प्रयास में हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.'
उन्होंने कहा, 'फूड प्रोसेसिंग से जुड़े सेक्टर को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार ने भी अनेक कदम उठाए हैं. चाहे इस सेक्टर को 100% FDI के लिए खोलने का फैसला हो या फिर पीएम किसान संपदा योजना के माध्यम से वैल्यू एडिशन और वैल्यू चेन डेवलपमेंट में मदद, हर स्तर पर कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा, 'इस महीने की शुरुआत में, एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में, 12 हजार करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है.'
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— PMO India (@PMOIndia) January 28, 2020
Global Potato Conclave में दुनिया के अनेक देशों से साइंटिस्ट आए हैं, हज़ारों किसान साथी और दूसरे पक्षधर लोग जुटे हैं. अगले तीन दिनों में इसमें दुनिया के फूड और न्यूट्रिशन डिमांड से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा होगी.
इस सम्मेलन के प्रमुख मुद्दों में पौध रोपण सामग्री, आपूर्ति श्रृंखला की कमी, खेती के बाद होने वाले नुकसान, फूड प्रोसेसिंग बढ़ाने की आवश्यकता, निर्यात और विविध उपयोग तथा आवश्यक नीतिगत सहायता - यानी लंबी दूरी के परिवहन, निर्यात संवर्धन के लिए उत्पादन और प्रमाणित बीजों का इस्तेमाल शामिल हैं.
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किसने किया है आयोजन
विश्व आलू सम्मेलन का आयोजन भारतीय आलू एसोसिएशन (आईपीए) ने दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, शिमला स्थित आलू अनुसंधान संस्थान और पेरू के अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र (सीआईपी) के सहयोग से किया है.
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है भारत
चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है. बीते एक दशक में भारत में आलू के उत्पादन में 52.79 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल 2008-09 देश में आलू का कुल उत्पादन 346.6 लाख टन था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 529.59 लाख टन हो गया.