आरबीआई की पाबंदी झेल रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के खाताधारकों की परेशानी बढ़ गई है. हालात ये हो गए हैं कि पीएमसी बैंक के ग्राहक खाते से अपने ही पैसे को निकालने के लिए सड़क पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. आर्थिक संकट की वजह से बैंक के खाताधारकों की जान भी जा रही है.
3 खाताधारक की जा चुकी है जान
बीते 2 दिन में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के 3 खाताधारक की मौत हो चुकी है. इसकी शुरुआत संजय गुलाटी से हुई है. दिल का दौरा पड़ने की वजह से संजय गुलाटी की मौत हो गई है. गुलाटी के परिवार के मुताबिक उनके पीएमसी बैंक में चार खाते हैं, जिसमें 90 लाख रुपये जमा है. बेटे के दिव्यांग होने की वजह से संजय को नियमित रूप से पैसे की जरूरत रहती थी लेकिन वह बैंक से पैसा नहीं निकाल पा रहे थे. यही वजह है कि वह बीते कुछ दिनों से परेशान थे.
क्यों परेशान हैं बैंक के खाताधारक ?
दरअसल, आरबीआई ने नियमों के उल्लंघन और गड़बड़ी को लेकर 6 महीने के लिए पीएमसी बैंक पर पाबंदी लगा दी है. इसी के साथ बैंक के ग्राहकों के कैश निकालने की लिमिट भी तय कर दी गई है. अब बैंक के ग्राहक 6 महीने में सिर्फ 40 हजार रुपये निकाल सकेंगे. शुरुआती दिनों में बैंक के ग्राहकों के लिए यह लिमिट सिर्फ 1 हजार रुपये थी. वहीं पाबंदी की वजह से बैंक के ग्राहक नए लोन भी नहीं ले सकते हैं. इन हालातों में जरूरतमंद ग्राहक बैंक से अपने ही पैसे को नहीं निकाल पा रहे हैं और उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में तरह-तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही है.
51 हजार खाताधारकों के पैसे फंसे
करीब 35 साल पुराने पीएमसी बैंक में 51 हजार खाताधारकों के पैसे फंसे हुए हैं. बैंक की आखिरी एनुअल रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंक में ग्राहकों के 11 हजार 617 करोड़ रुपये डिपॉजिट हैं. इनमें टर्म डिपॉजिट 9 हजार 326 करोड़ रुपये के करीब है जबकि डिमांड डिपॉजिट के तौर पर 2 हजार 291 करोड़ रुपये जमा हैं. बता दें कि पीएमसी बैंक की 137 शाखाएं हैं और यह देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है. इस बैंक का मुख्यालय मुंबई में है.कहां-कहां हैं बैंक के ब्रांच?
वैसे तो पीएमसी बैंक में घालमेल की शुरुआत करीब 10 साल पहले हो गई थी लेकिन इस पूरे मामले की कहानी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस ने बताई है. बीते दिनों जॉय थॉमस ने आरबीआई को लिखे एक पत्र में अपनी गलती स्वीकार की और बैंक के फ्रॉड के बारे में विस्तार से जानकारी दी. थॉमस ने बताया कि बैंक की ओर से अपनी साख को बचाए रखने के लिए साल 2008 के बाद से कुछ बड़े कर्जदाताओं के खाते आरबीआई से छिपाए गए. इन कर्जदाताओं में सबसे बड़ा नाम हाउिसंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) का आता है.
पीएमसी बैंक द्वारा दिए गए लोन का करीब 73 फीसदी हिस्सा सिर्फ HDIL को दिया गया है. बैंक ने यह कर्ज HDIL को ऐसे समय में दिया जब यह कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही थी. जॉय थॉमस ने अपने पत्र में आरबीआई को बताया कि पीएमसी बैंक का समूचा लोन एसेट यानी कर्ज देने की क्षमता 8,880 करोड़ रुपये का है, लेकिन HDIL को 6,500 करोड़ रुपये का लोन दिया गया जो कि इसका 73 फीसदी है. यह लोन देने की लिमिट का चार गुना ज्यादा है. अहम बात यह है कि पीएमसी बैंक ने इस मामले में बैंकों को रेग्युलेट करने वाली आरबीआई को गुमराह भी किया.
अब तक क्या हुई कार्रवाई?
पीएमसी बैंक के फ्रॉड मामले में जांच एजेंसियों की जांच जारी है. एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश कुमार वाधवान और उनके बेटे सारंग वाधवान को गिरफ्तार किया गया है. एचडीआईएल के प्रमोटर्स की 3500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. वहीं 60 करोड़ की ज्वेलरी, 15 कारें और करीब 12 करोड़ की एफडी सील कर दी गई है. इसके अलावा पीएमसी बैंक के पूर्व चेयरमैन जॉय थामस और वरयाम सिंह भी सलाखों के पीछे हैं. इनकी संपत्ति को भी जांच एजेंसियों ने जब्ती शुरू कर दी है.