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कोयला और बिजली मंत्रालय के दावे सच्चाई से दूर

कोयला और बिजली मंत्रालय ने अपने कार्यप्रदर्शन में तमाम तरह के झूठे दावे किए हैं. मंत्रालय के मुताबिक बिजली उत्पादन एक साल में सबसे ज्यादा बढ़कर 1,000 अरब यूनिट तक पहुंच गया है.

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piyush goyal
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कोयला और बिजली मंत्रालय ने अपने कार्यप्रदर्शन में तमाम तरह के दावे किए हैं. मंत्रालय के मुताबिक बिजली उत्पादन एक साल में सबसे ज्यादा बढ़कर 1,000 अरब यूनिट तक पहुंच गया है.

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इसके साथ ही अब तक के इतिहास में सबसे कम बिजली किल्लत रही है. मंत्रालय का यह भी दावा है कि कोयला उत्पादन 3.2 करोड़ टन बढ़ा है.

इस बारे में तहकीकात करके पाया है कि अधिकतर दावे बढ़ा चढ़ाकर बताए गए हैं....

1. बिजली उत्पादन सबसे ज्यादा बढ़ा
दावा : मंत्रालय के मुताबिक बिजली उत्पादन क्षमता किसी भी साल के मुकाबले सबसे ज्यादा बढ़कर 22,550 मेगावाट के करीब है.

सच्चाई : बिजली उत्पादन 2011-12 में 20,500 मेगावाट और 2012-13 में 20,600 मेगावाट के करीब था. हालांकि सबसे ज्यादा बढ़त 2010-12 के बीच 8,340 मेगावाट के करीब हुई थी.

2. इतिहास में पहली बार 1,000 अरब यूनिट बिजली उत्पादन
दावा : देश के इतिहास में पहली बार 1,000 अरब यूनिट बिजली उत्पादन.

सच्चाई : 2009-10 में 770 अरब यूनिट और 2013-14 में 960 अरब यूनिट के करीब उत्पादन. इस पांच साल में उत्पादन 200 अरब यूनिट बढ़ा, जो करीब 25 फीसदी की बढ़त है. इसलिए 1,000 अरब यूनिट तक पहुंचने के लिए सिर्फ 33 अरब यूनिट अतिरिक्त उत्पादन की जरूरत थी.

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3. बिजली की किल्लत सबसे कम
दावा : किल्लत घटकर करीब साढ़े 3 फीसदी रही, जो अब तक में सबसे कम है.

सच्चाई : 2006-10 में किल्लत करीब 10 फीसदी थी, जो 2013-14 में घटकर करीब 4 फीसदी रह गई. इसलिए साढ़े 3 फीसदी तक पहुंचना सिर्फ 0.6 फीसदी की गिरावट है.

4. पवन ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय बढ़त
दावा : 2014-15 में करीब 2,300 मेगावाट पवन बिजली क्षमता थी, जो 2013-14 के मुकाबले काफी ज्यादा है.

सच्चाई : 2010-12 में कहीं ज्यादा क्षमता का उत्पादन हुआ.

5. छोटी पनबिजली परियोजनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि
दावा : 2014-15 में 251 मेगावाट क्षमता स्थापित हुई जबकि ठीक एक साल पहले 171 मेगावाट स्थापित हुई थी।

सच्चाई : 2011-12 में 352 मेगावाट क्षमता स्थापित हुई जबकि एक साल बाद घटकर 237 मेगावाट क्षमता स्थापित हुई थी।

6. कोयला उत्पादन चार साल में सबसे ज्यादा
दावा : 2014-15 में करीब 3 करोड़ टन बढ़त के साथ कुल उत्पादन करीब 49 करोड़ टन था जो 2013-14 में 46 करोड़ टन के करीब था.

सच्चाई : मंत्रालय ने 2013-14 के लिए करीब 46 करोड़ टन उत्पादन बताया है, जबकि कोयला मंत्री ने कहा कि 2013-14 में करीब 56 करोड़ टन उत्पादन हुआ है.

इससे भी जरूरी बात यह है कि 2014-15 में उत्पादन करीब 49 करोड़ टन रहा जो कि इससे पहले के पांच साल में प्रत्येक साल के उत्पादन से कम है.

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इनपुट: आईएएनएस

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