वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पीपीएफ में निवेश की सीमा बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये करने का जो फैसला किया है उससे निवेश करने वालों को फायदा होगा क्योंकि छोटी बचत की यह बहुत बड़ी योजना है.
पीपीएफ का फुल फॉर्म है पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और इसे बहुत कम राशि में भी शुरू किया जाता है. यह छोटी बचत की सबसे पॉपुलर स्कीम है और इसका कारण है कि इसमें ब्याज की दर बहुत अच्छी तो है ही, जब पैसे को निकाला जाता है तो उस पर टैक्स नहीं लगता. यह प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) की ही तरह रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन के लिए बेहतरीन योजना है. इस स्कीम में इस साल ब्याज की दर 8.7 प्रतिशत है. ब्याज पर गणना हर साल होती है और वित्त वर्ष की समाप्ति पर आपके अकाउंट में डाल दी जाती है. इस पर ब्याज सरकारी बॉन्डों पर होने वाली आय से निर्धारित होती है.
पीपीएफ में अब अगर आप डेढ़ लाख रुपये तक लगाएंगे तो आपको 80सी के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलेगी. जब यह राशि परिपक्व हो जाएगी तो आपको उसके ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. इस दृष्टि से यह बेहतरीन स्कीम है. पीपीएफ अकाउंट 15 साल के लिए होता है लेकिन आप इसे पांच साल और आगे बढ़ा सकते हैं. उस पर भी ब्याज मिलता रहेगा. इसके लिए आप चाहें तो सिर्फ 500 रुपये सालाना लगाकर इस पर ब्याज उठाते रह सकते हैं.
अगर आप बीच की अवधि में पैसे निकालना चाहते हैं तो छठे साल से निकाल सकते हैं. आपको कुल जमा राशि का 50 प्रतिशत निकालने का अधिकार होगा. उसके बाद के साल में भी आप पैसे निकाल सकते हैं. आप इस राशि पर लोन भी ले सकते हैं लेकिन यह बैलेंस के 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इस पर आपको 2 प्रतिशत ब्याज 36 महीने तक देना होगा और उसके बाद की अवधि के लिए 6 प्रतिशत.
इस स्कीम में आप अपना अकाउंट बैंक या अपने निकटतम डाकघर में खोल सकते हैं. वेतभोगी वर्ग के लिए इससे बढ़िया बचत योजना कोई नहीं है और इसलिए एक व्यक्ति को एक से ज्यादा अकाउंट खोलने की इजाजत नहीं है.