बजट 2010-11 में व्यक्तिगत आयकर के स्तरों में बदलाव और निवेश पर कटौती की नयी व्यवस्था के तहत उच्च आय वालों को अपेक्षाकृत मोटा फायदा होगा.
बजट में तीन लाख रुपए से 11 लाख रुपए की सालाना सकल आय वाले कर दाताओं को के बजट में आयकर स्लैब में बड़ा बदलाव किया है तथा धारा 80 सी के तहत निवेश पर कटौती की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1,20,000 रुपये कर दी गयी. आयकर विशेषज्ञों के अनुसार तीन लाख रुपये तक सालाना सकल आमदनी वाले आयकरदाता पर आयकर का बोझ अब 2,060 रुपये कम हो जाएगा.
कितना बचेगा आपका टैक्स
आयकर विशेषज्ञ सत्येंद्र जैन के मुताबिक, तीन लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले को पहले 80 सी के तहत एक लाख रुपये बचत तथा तीन प्रतिशत का शिक्षा उपकर (120 रुपये) जोड़ने के बाद कुल 4,120 रुपये का आयकर देना होता था. नयी व्यवस्था में ऐसे करदाता को पर कुल कर देयता 2,060 रुपये रह जाएगी. इसमें शिक्षा उपकर भी 120 रुपये से घटकर 60 रुपये रह जाएगा.
इसी तरह चार लाख रुपये सालाना आमदनी वाले आयकरदाता पर सालाना आयकर 14,420 रुपये से घटकर 12,360 रुपये रह जाएगा और उसे भी सालाना 2,060 रुपये की बचत होगी. आयकर की दूसरी स्लैब पांच लाख ये अधिक और आठ लाख रुपये तक की होगी. इसके तहत 20 प्रतिशत का आयकर लगेगा. ऐसे लोग जिनकी सालाना सकल आय पांच लाख रुपये है, उन्हें अब करदेयता 22,660 रुपये रह जाएगी. पहले उनकी करदेयता 35,020 रुपये बैठती थी. इस तरह उन्हें सालाना 12,360 रुपये की बचत होगी.
जैन के मुताबिक, इसी तरह आठ लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले आयकरदाताओं को अब सालाना 72,100 रुपये का आयकर देना होगा, जो पहले 1,17,420 रुपये बैठता था. इस तरह आठ लाख की सालाना आमदनी वालों को अब सालाना 45,320 रुपये की बचत होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक, दस लाख रुपये की सालाना आमदनी वालों के लिए सालाना आयकर अब 1,79,220 रुपये से घटकर 1,18,300 रुपये रह जाएगा और इस तरह उन्हें 65,920 रुपये की बचत होगी.
11 लाख रुपये सालाना कमाने वालों को अब 1,33,900 रुपये का आयकर देना होगा, जो पहले 2,10,120 रुपये बैठता था. इस तरह उन्हें सालाना 76,220 रुपये की बचत होगी. आयकर की नई स्लैब के अनुसार, 1.6 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं लगेगा, जबकि पांच लाख रुपये तक की आमदनी पर आयकर की दर 10 प्रतिशत होगी. वहीं पांच लाख रुपये से उपर और आठ लाख रुपये तक आयकर 20 प्रतिशत होगा, जबकि आठ लाख रुपये से आय पर आयकर की दर 30 प्रतिशत होगी.
अभी तक 1.6 लाख रुपये की आय पर कोई आयकर नहीं लगता है, जबकि तीन लाख रुपये तक की आय पर आयकर की दर 10 प्रतिशत, पांच लाख की आय पर आयकर की दर 20 प्रतिशत तथा इससे अधिक की आमदनी पर आयकर की दर 30 प्रतिशत थी.