केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी पहली जीएसटी काउंसिल की बैठक में एक बड़े बदलाव के संकेत दिए. दरअसल, वित्त मंत्री ने 35वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के दौरान ये संकेत दिए. उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने देश की आजादी के बाद से जबरदस्त काम किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि काउंसिल को अभी GST नियमों और स्लैब के सरलीकरण पर काम करना होगा. इसके अलावा GST के दायरे में अधिक से अधिक आइटम लाने पर भी काम करना होगा.
अरुण जेटली ने भी किया था जिक्र
ऐसा नहीं है कि पहली बार सरकार की ओर से जीएसटी स्लैब में बदलाव को लेकर कोई संकेत मिले हैं. इससे पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी इसका जिक्र किया था. उन्होंने तब 'जीएसटी के 18 महीने' शीर्षक वाले ब्लॉग में लिखा था, 'भविष्य के रोडमैप के तौर पर 12% और 18% की दो स्टैंडर्ड रेट की जगह एक सिंगल स्टैंडर्ड रेट को लागू करने की दिशा में काम किया जा सकता है. नया रेट दोनों यानी 12 फीसदी और 18 फीसदी के बीच का होगा.'
In her Opening Remarks, the Finance Minister,Smt. @nsitharaman further said that GST Council has many more work to do including simplification of GST Rules, rationalisation of GST rates &bringing more items in the ambit of GST among others@nsitharamanoffc @PIB_India @MIB_India
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 21, 2019
राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक की. बजट पूर्व बैठक में उन्होंने कहा कि केंद्र आर्थिक वृद्धि की दिशा तय करता है, लेकिन जमीन पर इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना राज्यों का काम है. निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि जब तक राज्य और केंद्र मिलकर काम नहीं करेंगे, लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकता. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जब तक राज्य और केंद्र साथ मिलकर काम नहीं करेंगे किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता. आर्थिक वृद्धि की दिशा तय करना केंद्र की जिम्मेदारी है जबकि जमीन पर इसके क्रियान्वयन का दायित्व राज्यों का है.’’