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CBI के पास नहीं जाएंगे बैंकों के मामले, नए साल में ग्राहकों को मिलेगी ये राहत

आम बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को राहत दी है. अब बैंकों की बिना इजाजत के कोई भी मामला सीबीआई के पास नहीं जाएगा.

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प्री बजट मीटिंग में फैसला
प्री बजट मीटिंग में फैसला

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  • बैंकिंग से जुड़े मामलों में CBI का दखल नहीं होगा
  • 1 जनवरी 2020 से MDR पर नहीं लगेगा शुल्‍क

बैंकिंग से जुड़े मामलों में अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई दखल नहीं देगी. दरअसल, आम बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक प्रमुखों की बैठक में यह फैसला लिया है.

इसके तहत अब बैंकों की बिना इजाजत के कोई भी मामला सीबीआई के पास नहीं जाएगा. वित्त मंत्री के मुताबिक इस संबंध में सीबीआई निदेशक देश के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर उन्‍हें आश्वस्त करेंगे. हालांकि बैंकों को अब शिकायतों पर विभागीय कार्रवाई तेजी से करना होगा.

इसके अलावा बैंकों को बेवजह की कोई परेशानी न हो इसके लिए वित्त मंत्री ईडी, डीआरआई, आयकर और सीमा शुल्क विभाग के साथ बैठक करेंगी. वित्त मंत्रालय के इस फैसले से बैंकों को राहत मिलेगी. बता दें कि जांच एजेंसियों के दखल की वजह से कई बार बैंकों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.

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1 जनवरी से MDR पर नहीं लगेगा शुल्‍क

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये भी बताया कि जिन पेमेंट मोड को 1 जनवरी 2020 से अधिसूचित किया जाएगा, उन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के तहत शुल्क नहीं लगेगा. यानी नए साल में ग्राहकों को एमडीआर पर राहत मिलने वाली है. एमडीआर वह फीस होती है, जो दुकानदार डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर आपसे लेता है. दुकानदार की ओर से की गई वसूली की रकम का बड़ा हिस्सा क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी करने वाले बैंक को मिलता है.

इसके अलावा प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीन जारी करने वाले बैंक और पेमेंट कंपनी को भी यह पैसा जाता है. जितना ज्‍यादा एमडीआर चार्ज लगता है, दुकानदार अपने ग्राहक से उतना अधिक पैसा वसूलते हैं. जाहिर सी बात है, इस शुल्‍क के खत्‍म होने का सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को मिलेगा. वहीं दुकानदार भी अपने ग्राहकों को राहत दे सकेंगे.

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