प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी के 71वें साल के मौके पर लाल किला से कहा कि देश में भ्रष्टाचार को बख्शा नहीं जाएगा. कालेधन पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कालाधन देश के सामने एक बड़ी चुनौती है और केन्द्र सरकार उसपर लगाम लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी. बहरहाल देश में लोगों को उम्मीद थी कि इस मंच से प्रधानमंत्री मोदी कालेधन पर किसी बड़ी उपलब्धि का ऐलान करेंगे.
केन्द्र सरकार की उपलब्धियों पर ध्यान खींचते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जहां पिछली सरकार देश में बैंकरप्सी कानून लाने के बारे में कोई फैसला नहीं ले सकी, उनकी सरकार ने न सिर्फ देश में यह कानून लाने का काम किया बल्कि इसके जरिए 3 लाख कंपनियों पर नकेल भी कसी जिससे देश में कालेधन का संचार रुके और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें विरासत में ऐसी सरकार मिली थी जो बुरी तरह भ्रष्टाचार के चंगुल में फंसी थी. उनकी सरकार ने दिल्ली में माहौल को बदलने का काम किया है. यह उनके सरकार की उपलब्धि है कि अब दिल्ली में सत्ता के गलियारों में पॉवर ब्रोकरे नहीं देखे जाते.
वहीं अन्य राजनीतिक दलों पर भाई-भतीजावाद के आरोप पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान सरकारी कामकाज में भाई-भतीजाबाद को कोई तरजीह नहीं मिलती है. पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने बीते चार साल में बड़े स्तर पर सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने का काम किया है. वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर कहते हुए पीएम ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को माफ नहीं करेगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की कोशिशों का नतीजा है कि बिते कुछ वर्षों में सरकारी योजनाओं में से 6 करोड़ से अधिक फर्जी लाभार्थियों को पकड़ा गया है. इन फर्जी लाभार्थियों के चलते सरकार के खजाने से लगभग 90,000 करोड़ रुपये गलत हाथों में जा रहा था. पीएम मोदी ने दावा किया इस तरह से बचाए गए पैसों का इस्तेमाल उनकी सरकार विकास की योजनाओं को चलाने में कर रही है.
कृषि बाजार में बिचौलिये पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बाजार में गेहूं की कीमत 24-25 रुपये है. इसे इस दर पर खरीद कर सरकार 2 रुपये में जनता के पास पहुंचाती है. वहीं बाजार में चावल 30-32 रुपये में है और सरकार इस दर पर खरीद कर 3 रुपये में राशन कार्ड के जरिए जनता तक पहुंचा रही है.
लेकिन बिचौलियों के चलते सरकार की इस व्यवस्था में महज एक किलो गेंहू और चावल की चोरी करते हुए 25 से 32 रुपये तक कमाया जा रहा था. वहीं आम आदमी को वही गेंहू और चावल खरीदने के लिए बाजार की कीमत अदा करनी पड़ती थी. पीएम ने दावा किया कि केन्द्र सरकार की इस योजना को पूरी तरह से चाक चौबंद कर दिया गया है और लाखों करोड़ रुपये की चोरी के रास्ते को बंद कर दिया गया है.
बहरहाल इन कदमों के बावजूद प्रधानमंत्री ने अपने एक घंटे से अधिक भाषण में कोलेधन का वह पक्ष नहीं छुआ जिसे लेकर बीते एक दशक से देश में राजनीतिक सरगर्मी तेज रही है. बीते एक दशक से विदेश में पड़े कालेधन को वापस लाने और नोटबंदी से कालेधन पर वार करने के फैसले का क्या फायदा पहुंचा, इस पक्ष को नहीं छुआ गया.