scorecardresearch
 

निजी क्षेत्र को भारत में कारोबार करना मुश्किल लगता है: विश्‍व बैंक

निजी क्षेत्र को लगता है कि भारत कारोबार करने के लिहाज से मुश्किल जगह है, क्योंकि यहां कई तरह के कानून हैं. यह बात विश्‍व बैंक के अध्यक्ष जिम यंग किम ने आज कही और बेहतर माहौल तैयार करने व वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सुधार का आह्वान किया गया.

Advertisement
X

निजी क्षेत्र को लगता है कि भारत कारोबार करने के लिहाज से मुश्किल जगह है, क्योंकि यहां कई तरह के कानून हैं. यह बात विश्‍व बैंक के अध्यक्ष जिम यंग किम ने आज कही और बेहतर माहौल तैयार करने व वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सुधार का आह्वान किया गया.

Advertisement

विश्‍व बैंक के अध्यक्ष ने आठ देशों के मीडिया प्रतिनिधियों के साथ गोल मेज बैठक में पत्रकारों से कहा कि निजी क्षेत्र का मानना है कि भारत कारोबार के लिहाज से मुश्किल जगह है क्योंकि यहां कई तरह के कानून हैं और सरकारी कानून थोड़े अप्रत्याशित हैं. इस गोल मेज बैठक में भारत, चीन, मैक्सिको, ब्राजील, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका और ट्यूनीशिया के मीडिया प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

मनमोहन, चिदंबरम और राजन को सराहा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्‍व बैंक की सालाना बैठक के मौके पर आयोजित इस गोल मेज चर्चा में किम ने कहा कि कई निजी कंपनियों का यह मानना है और हम बहुत अच्छे से जानते हैं कि भारत सरकार विशेष तौर पर प्रमुख पदों पर बैठे लोग यह अच्छी तरह जानते हैं और वे इसके सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. किम ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम समेत भारत के शीर्ष नेतृत्व की प्रशंसा की.

Advertisement

उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की भी प्रशंसा की. किम ने कहा कि वे सभी इन मुश्किलों से वाकिफ हैं और उन्हें पता है कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए क्या करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आरबीआई के गवर्नर राजन ने वित्तीय क्षेत्र में कुछ सुधार की घोषणा की है जिसके बारे में मेरा मानना है कि ये बहुत संभावनाशील हैं. मैं जब प्रधानमंत्री सिंह और वित्त मंत्री चिदंबरम से बात करता हूं तो मुझे लगता है कि उन्हें पूरी तरह पता है कि उन्हें क्या करना है.

विश्‍व बैंक के अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमें पता है कि सरकारी नियमन में सुधार की जरूरत है ताकि निजी क्षेत्र आगे बढ़ सकें. उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा प्रणाली में सुधार पर बहुत ध्यान दे रहा है और हम जानते हैं कि आर्थिक वृद्धि के लिए मानव के विकास में निवेश करना, स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था में सुधार और शिक्षा में निवेश बेहत महत्वपूर्ण है.

भारत को बदलनी पड़ेगी नीतियां
उन्होंने कहा कि भारत को यह पता है और वह इस दिशा में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है. किम ने कहा कि वह स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के संबंध में भारत सरकार के साथ काम कर रहे हैं. अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें पता है कि उन्हें इन क्षेत्रों में प्रगति करनी है. लेकिन मुझे लगता है कि भारत अपने कारोबारी माहौल के सुधारने की दिशा में बहुत कुछ कर सकता है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि विश्‍व भर में हजारों अरब डॉलर बेकार पड़े हैं जिन पर बहुत कम ब्याज दर मिल रही है और भारत को नीतियों में बदलाव कर ऐसे संसाधन का उपयोग करने की जरूरत है. किम ने कहा कि हमें पता है कि निवेशक चाहे सावरेन वेल्थ फंड के हों या पेंशन फंड या निजी पूंजी से जुड़े हों, वे भारत और अफ्रीका में निवेश करना चाहते हैं. लेकिन उन्हें सिर्फ यही चिंता है कि कारोबारी माहौल वैसा न हो जैसी उनकी उम्मीद या आशा हो. वे इस बारे में भी आश्वस्त नहीं हैं कि आने वाले दिनों में उनका निवेश सुरक्षित रहेगा या नहीं.

Advertisement
Advertisement