ऐसा लगता है कि दिवाली से पहले आम आदमी को डीजल की कीमत में कटौती का गिफ्ट मिल सकता है. खबर है कि डीजल के दाम घट सकते हैं. तेल कंपनियों को इस वक्त डीजल पर प्रति लीटर तीन रुपये छप्पन पैसे का फायदा हो रहा है. ये मुनाफा कच्चे तेल की कीमत कमी की वजह से हो रहा है. एक रुपये सस्ता हुआ पेट्रोल
अगर डीजल के दामों में कटौती होती है, तो पांच साल में ऐसा पहली बार होगा. आपको बता दें कि डीजल की कीमतों का नियंत्रण फिलहाल सरकार करती है. ऐसे में कटौती का सीधा असर जरूरी सामानों की कीमत पड़ेगा, क्योंकि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में ज्यादातर इसी ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है.
दरअसल, पिछले महीने से ही सरकारी तेल कंपनियां डीजल की बिक्री से मुनाफा कमा रही थी, इसके बाद से ही कीमत में कटौती उम्मीद की जा रही थी. वैसे तेल कंपनियों के लिए भी यह पहला मौका है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने के कारण वे मुनाफा में रहे. हालांकि, केंद्र सरकार चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण डीजल की कीमतों में कटौती नहीं कर सकी.
मालूम हो कि जनवरी 2013 से हर महीने डीजल की कीमतों में 50 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी होती रही है, ताकि तेल कंपनियां इसकी बिक्री से होने वाले नुकसान को कम कर सके. पिछले 20 महीनों में डीजल के दाम 19 बार बढ़े. नतीजतन डीजल 11.81 प्रति लीटर महंगा हो गया. इस साल सितंबर महीने में डीजल की कीमतों को नहीं बढ़ाया गया था.