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आपूर्ति घटने से प्याज की कीमतों में फिर तेजी का रुख बना

एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की कीमतों में फिर से तेजी का रुख बन गया है. पुराना स्टॉक खपने और इस साल खरीफ की नई फसल 25-30 प्रतिशत कम रहने के अनुमान के चलते प्याज की आपूर्ति घटी है.

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एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की कीमतों में फिर से तेजी का रुख बन गया है. पुराना स्टॉक खपने और इस साल खरीफ की नई फसल 25-30 प्रतिशत कम रहने के अनुमान के चलते प्याज की आपूर्ति घटी है.

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महाराष्ट्र के लासलगांव में अगस्त में प्याज का भाव 57 रुपये किलो के रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन केन्द्र द्वारा कई उपाय किए जाने से कीमतों में नरमी आने लगी थी. 16 अक्टूबर को प्याज का भाव 25 रुपये किलो के स्तर तक आ गया.

दिल्ली और अन्य मंडियों में भी प्याज के थोक भाव में इसी तरह की तेजी का रुख दर्ज किया गया है. नासिक स्थित एनएचआरडीएफ के निदेशक आर.पी. गुप्ता ने बताया, यह सामान्य रुख है. प्याज का औसत थोक भाव करीब 30 रुपये किलो है.

एक समय आपूर्ति घटने पर कीमतें चढ़ जाती हैं, लेकिन आपूर्ति बढ़ने पर कीमतें घट जाती हैं. हमने दरों पर पैनी नजर रखी है. उन्होंने यह भी कहा, चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से खरीफ की नई फसल आने का अनुमान है.

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इनपुट: भाषा

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