देश की विकास दर मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही में घटकर 4.4 फीसदी दर्ज की गई, जो पिछले चार सालों में सबसे कम है.
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक विनिर्माण और खनन क्षेत्र में खराब प्रदर्शन रहने के कारण विकास दर में गिरावट दर्ज की गई. ताजा दर वैश्विक वित्तीय संकट के दिनों की 2009 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद सबसे कम है. विनिर्माण क्षेत्र में 1.2 फीसदी गिरावट रही और खनन क्षेत्र में 2.8 फीसदी गिरावट रही.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े के मुताबिक कृषि क्षेत्र की विकास दर घटकर 2.7 फीसदी रही, सेवा क्षेत्र में बेहतरीन 9.4 फीसदी विकास दर्ज किया गया.
सीएसओ के मुताबिक स्थिर (2004-05) मूल्यों पर फैक्टर कॉस्ट पर तिमाही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2013-14 की पहली तिमाही के लिए अनुमानित 13.71 लाख करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 13.14 लाख करोड़ रुपये थी, जो साल-दर-साल आधार पर 4.4 फीसदी वृद्धि है.
विकास दर इससे पिछली तिमाही में 4.8 फीसदी तथा पिछले साल की समान तिमाही में 5.4 फीसदी थी. भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'जीडीपी आंकड़े से स्पष्ट पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी है.' उन्होंने कहा, 'अर्थव्यवस्था पर नीति निर्माताओं द्वारा पूरा ध्यान दिए जाने की जरूरत है.'