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चाय की खेती के लिए परमिट को खत्म करने से क्वालिटी प्रभावित होगी

अगर सरकार अपने चाय की खेती के लिए जरूरी परमिट को खत्म करने की योजना को लेकर आगे बढ़ती है तो चाय की गुणवत्ता प्रभावित होगी. वेस्टर्न इंडिया चाय डीलर संघ (डब्ल्यूआईटीडीए) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है.

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अगर सरकार अपने चाय की खेती के लिए जरूरी परमिट को खत्म करने की योजना को लेकर आगे बढ़ती है तो चाय की गुणवत्ता प्रभावित होगी. वेस्टर्न इंडिया चाय डीलर संघ (डब्ल्यूआईटीडीए) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है.

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डब्ल्यूआईटीडीए ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव के अनुसार कोई कंपनी अथवा कोई व्यक्ति चाय की खेती शुरू करना चाहता है तो उसे अनुमति प्राप्त करने के लिए भारतीय चाय बोर्ड के पास नहीं जाना होगा. डब्ल्यूआईटीडीए के अध्यक्ष पीयूष ओ देसाई ने कहा कि नीति में यह बदलाव चाय बोर्ड द्वारा अपनाई गई नीति का काफी अंतरर्विरोधी है.

इस नीति में चाय उत्पादकों और लघु चाय उत्पादकों को ट्रस्टी प्राप्त करने को कहा जाता है जो उन्हें बेहतर उत्पादन के तौर तरीकों को अपनाने को बाध्य करता है. ट्रस्टी लोगों या ट्रस्टी कोड को भारतीय चाय बोर्ड ने वर्ष 2013 पेश किया था ताकि सुरक्षित एवं स्वच्छ चाय का उत्पादन किया जा सके.

इनपुट: भाषा

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