रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने किसानों की कर्जमाफी का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे फैसलों से राजस्व पर असर पड़ता है. राजन ने कहा, '' किसान कर्ज माफी का सबसे बड़ा फायदा सांठगाठ वालों को मिलता है. अकसर इसका लाभ गरीबों को मिलने की बजाए उन्हें मिलता है, जिनकी स्थिति बेहतर है.'' उन्होंने आगे कहा कि जब भी कर्ज माफ किए जाते हैं, तो देश के राजस्व को भी नुकसान होता है.
Raghuram Rajan, Economist and former RBI Governor on loan waivers for farmers: It often goes to the best connected rather than to the poorest. It also creates enormous problems for the fiscal of the state once the waivers are done. pic.twitter.com/xxkGOpcAko
— ANI (@ANI) December 14, 2018
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी रैलियों में किसानों से वादा किया था कि अगर मध्य प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि वह जल्द ही वादे को पूरा करेंगे.
यह पहली बार नहीं है जब किसानों की कर्ज माफी को लेकर विरोध हुआ है.इससे पहले जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था तब भी विरोध हुआ था. तब देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की तत्कालिन चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने भी किसान कर्ज माफ किए जाने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने अनुशासन बिगड़ने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि कर्ज लेने वाले कर्ज चुकाने के बजाय अगले चुनाव का इंतजार करेंगे. किसान कर्ज माफी का विरोध करने वालों में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर रहे एस.एस. मूंदड़ा भी शामिल थे.
इन राज्यों में किसानों को मिल चुकी है राहत
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बीते साल राज्य के 86 लाख किसानों का करीब 30,729 करोड़ का कर्ज माफ किया था. राज्य के 7 लाख किसानों का जो लोन एनपीए बन गया है, वो भी माफ कर दिया गया था. वहीं महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने 35 लाख किसानों का 1.5 लाख रुपये तक का लोन माफ किया था. 9 लाख किसानों को लोन के वन टाइम सेटेलमेंट का फायदा दिया गया. जबकि पंजाब में कांग्रेस सरकार ने 5 एकड़ तक की खेती की जमीन वाले किसानों को 2 लाख रुपये तक की कर्जमाफी की. कर्नाटक के सहकारी बैंक से लिए गए हर किसान का 50,000 रुपये तक का कर्ज माफ किया गया.