भारत की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है. गिरता रुपया रुकने को तैयार नहीं है. ऐसे में अर्थशास्त्री रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की कमान संभालने जा रहे हैं. डी. सुब्बाराव की जगह ले रहे रघुराम राजन से सभी की उम्मीदें बड़ी हैं.
हिन्दुस्तान की आर्थिक दिशा तय करने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लिए बुधवार का दिन बेहद खास है. आरबीआई के गवर्नर डी. सुब्बाराव इस दिन कुर्सी को अलविदा कहेंगे, तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को मिलेगा रघुराम राजन के रूप में नया और बेहद यंग गवर्नर.
रुपये की रिकार्ड गिरावट से हिन्दुस्तान की हालत डावांडोल है. ऐसे में रघुराम राजन के लिए आरबीआई गवर्नर की कुर्सी कांटों के ताज से कम नहीं. लेकिन महज 50 साल की उम्र में गर्वनर बनने वाले रघुराम राजन से उम्मीदें इसलिए ज्यादा हैं, क्योंकि वे अर्थव्यवस्था की नब्ज पकड़ने के माहिर माने जाते हैं.
दरअसल, 2008 में दुनिया में जो आर्थिक संकट का दौर शुरू हुआ, इसकी भविष्यवाणी रघुराम राजन ने 2005 में ही कर दी थी. शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रह चुके रघुराम इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी आईएमएफ के सबसे युवा आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं.
वित्त मंत्रालय के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी कुछ समानता रखते हैं. मनमोहन सिंह भी 50 की उम्र में आरबीआई गवर्नर बने थे औऱ रघुराम राजन भी इसी उम्र में देश की अहम कुर्सी संभाल रहे हैं. आईआईटी दिल्ली और आईआईएम अहमदाबाद के गोल्ड मेडलिस्ट अर्थशास्त्री रघुराम राजन में कुछ बात तो खास है, तभी तो उनका नाम 100 ग्लोबल थिंकर्स की सूची में भी दो बार शुमार हुआ है.