आम बजट से ठीक पहले आरबीआई चीफ रघुराम राजन ने निवेश में टैक्स छूट का दायरा बढ़ाने की वकालत की है. उन्होंने बुधवार को कहा कि इस सीमा को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये से अधिक किया जाना जरूरी है.
विशेषज्ञों से बातचीत में राजन ने कहा, 'आपको ध्यान होना चाहिए कि सरकार ने पिछले बजट में निवेश पर टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपये बढ़ाई थी. सवाल यह है कि क्या टैक्स छूट सीमा को और बढ़ाया जा सकता है?' उन्होंने कहा कि बीते समय में रियल टैक्स बेनेफिट में गिरावट आई है क्योंकि काफी लंबे समय से टैक्स छूट की सीमा एक लाख रुपये थी. इसे बढ़ाने की जरूरत है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड, प्रोविडेंट फंड, न्यू पेंशन स्कीम, इंश्योरेंस पॉलिसी और इक्विटी से जुड़ी बचत स्कीमों में 1.50 लाख रुपये तक निवेश होने पर इनकम टैक्स 80सी के तहत टैक्सेबल इनकम के तहत टैक्स डिडक्ट किया जाता है. इससे बचत में मदद मिलती है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बचत दर में गिरावट होकर यह 30 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. वित्त वर्ष 2008 में यह 36.9 फीसदी के स्तर पर थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई 2014 के अपने बजट में इस सीमा को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया था. राजन ने 28 फरवरी को इस पूरे साल के लिए बजट पेश करेंगे.