रेल मंत्रालय की अच्छी खासी चिंता बढ़ गई है क्योंकि उसने हालिया वित्तीय वर्ष के 5 महीनों में ही 15 करोड़ यात्रियों को गंवाया है. हैरानी वाली बात ये है कि इन 5 महीनों में किराए में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है. इस दिक्कत के चलते रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी काफी परेशान हैं.
15 सितंबर को हुई मीटिंग में इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों को खोने का मामला सामने आया है. यात्रियों के कम हो रहे चलन पर रेल मंत्री मनोज सिन्हा ने हैरत से कहा, "ट्रेनें हमेशा पुल रहती हैं और आप कभी भी रिजर्वेशन नहीं ले सकते हैं तो फिर यात्रियों की संख्या में इतनी कैसे आ सकती है. इन संख्याओं में कुछ गड़बड़ हो सकती है.
रेल मंत्रालय आंकड़े जारी कर बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2015 के दौरान अप्रैल से अगस्त के बीच 3 अरब 57 करोड़ यात्रियों ने भारतीय रेल में सफर किया था जबकि इसी अवधि में 2016 वित्तीय वर्ष में यह संख्या 4.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3 अरब 42 करोड़ पर आ गई.