भारत की दो इकाइयों में कुछ मिलावटी दवाइयां बनाने और उसके वितरण से संबंधित आरोपों को स्वीकार करते हुए रैनबैक्सी की अमेरिकी सहायक कंपनी 50 करोड़ डालर की राशि का भुगतान करने पर सहमत हो गयी. जेनेरिक दवा बनाने वाली किसी कंपनी द्वारा समझौते में यह अब तक की सबसे अधिक राशि है.
अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि भारत की जेनेरिक फार्मा कंपनी रैनबेक्सी लेबोरेटरीज की सहायक कंपनी रैनबैक्सी यूएसए ने सबसे बड़े दवा सुरक्षा समझौते में भारत में रैनबेक्सी के दो उत्पादन केन्द्रों पर बनी कुछ खास मिलावटी दवाओं के निर्माण और वितरण से संबंधित आरोप स्वीकार कर लिये.
बयान में कहा गया कि रैनबैक्सी आपराधिक जुर्माने के तौर पर 15 करोड़ डालर और ‘फाल्स क्लेम्स एक्ट’ के तहत दीवानी दावा निबटाने के लिए 35 करोड़ डालर का भुगतान करने पर सहमत हो गई है.