टाटा सन्स के इंटेरिम चेयरमैन और टाटा ट्रस्ट के प्रमुख रतन टाटा ने कहा है कि वह कंपनी के मौजूदा हालात को देखते हुए टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है. रतन टाटा की तरफ से यह सफाई तब दी गई जब मीडिया में उनके इस्तीफे का कयास लगाया जा रहा था.
रतन टाटा ने कहा कि ट्रस्टी से बातचीत का जो हवाला देकर मीडिया में यह कयास लगाया जा रहा है वह पूरी तरह से गलत है. रतन टाटा ने बताया कि ट्रस्ट में महज उस व्यवस्था को बनाने पर चर्चा चल रही है जिससे भविष्य में टाटा ट्रस्ट में नेतृत्व परिवर्तन को आसानी से अंजाम दिया जा सके.
रतन टाटा ने यह भी बताया कि मौजूदा समय में कंपनी ने कई ऐसे फैसले लिए हैं जो राष्ट्रीय महत्व के हैं, लिहाजा वह इन फैसलों को निर्णायक स्थिति तक ले जाने के लिए टाटा ट्रस्ट की कमान अपने पास रखेंगे. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में मौजूदा कवायद महज इसलिए की जा रही है कि भविष्य में उनके उत्तराधिकारी को बैठाने में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े.
गौरतलब है कि टाटा ट्रस्ट की टाटा संस में 66 फीसदी की हिस्सेदारी है. यह पहली बार है कि किसी समय पर टाटा सन्स और टाटा ट्रस्ट की कमान एक आदमी के हाथ में है. रतन टाटा ने टाटा सन्स के अंतरिम चेयरमैन का पद साइरस मिस्त्री के हटाए जाने के बाद संभाला था. फिलहाल वह फरवरी तक टाटा सन्स के लिए नए चेयरमैन की चलाश कर रहे हैं.
टाटा सन्स ने टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स समेत टाटा समूह की फर्मों में स्वतंत्र निदेशक वाडिया पर अपने हित साधने का आरोप लगाते हुए उन्हें निदेशक मंडल से हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था जिस पर कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों को मतदान करना है. इससे पहले भी वाडिया ने टाटा सन्स बोर्ड को मानहानि नोटिस देकर कहा था कि वह उनके खिलाफ लगाए गए 'झूठे अपमानसूचक और अपमानजनक' आरोप वापस लें.