रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार को अपनी क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया है, लेकिन इसमें ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की गई है. उसने सीआरआर में भी कोई कमी नहीं की है. उम्मीद थी कि इस बार बैंक रेपो रेट में कमी करेगा. बैंक ने एसएलआर में 50 बेसिस प्वॉइंट की कमी की है.
हाल ही रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने इस तरह की कटौती की घोषणा करके सबको चौंका दिया था. समझा जा रहा है कि रुपये के मजबूत होने और महंगाई के कम होने के कारण यह कदम उठाया गया है. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विकास को बढ़ावा देने के लिए भी उन्होंने यह कदम उठाया है.
महंगाई को रोकने के प्रयास में रिजर्व बैंक लगातार ब्याज दरें बढ़ाता रहा है, जिसका देश के आर्थिक विकास पर बुरा असर पड़ा. पिछले वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने भी इस बात के लिए भी रिजर्व बैंक की आलोचना की थी. नई सरकार ने भी इस पर जोर दिया था कि देश में ब्याज की दरें कम की जाएं. ज्यादातर बैंकों का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती होनी ही चाहिए क्योंकि इससे उनका एनपीए बढ़ता जा रहा है.
बैंक का कहना है कि महंगाई में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है इसलिए रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की जा रही है. उसका कहना है कि जनवरी 2016 तक महंगाई की दर छह फीसदी रहेगी, लिहाजा कोई जोखिम नहीं उठाया जा सकता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस निराशाजनक कदम से शेयर बाजारों में थोड़ी गिरावट आ गई.