रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लोगों से कहा है कि वे 2005 के पहले के नोट बदलना शुरू कर दें ताकि बाद में उन्हें परेशानी न हो. आर्थिक समाचार पत्र द इकोनॉमिक टाइम्स ने यह जानकारी दी. समाचार पत्र के मुताबिक रिजर्व बैंक ने ऐसा इसलिए किया कि ताकि लोग अपनी सुविधा से वे नोट बदल सकते हैं और बाद में उन्हें परेशानी न हो.
रिजर्व बैंक ने कहा कि 2005 से पहले छपे करेंसी नोट को प्रचलन से बाहर करने के पीछे कारण यह है कि इससे जाली नोटों का प्रचलन रोका जा सके. लेकिन उसने यह बी स्पष्ट किया है कि 2005 से पहले छपे नोट जुलाई के बाद भी चलते रहेंगे.
बैंक के मुताबिक 1 जुलाई, 2014 के बाद भी जनता ऐसे नोटों को, चाहे वो कितनी भी संख्या में हों, बदल सकती है. ये नोट उन बैंकों से बदले जा सकते हैं जहां उनके अकाउंट हैं. लेकिन जिन लोगों के पास अकांउंट नहीं है उन्हें बैंक में अपना पहचान पत्र दिखाना होगा जिस पर उनके घर का पता हो. रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2005 के पहले छपे नोटों को प्रचलन से बाहर करने के पीछे तर्क यह है कि उनमें सिक्योरिटी फीचर अब के नोटों की तुलना में बहुत कम हैं और इसलिए जाली नोट छापना अपेक्षाकृत आसान रहा था.
उसने यह भी कहा है कि दुनिया भर में पुराने सीरीज के नोटों को प्रचलन से बाहर किया जाता है. रिजर्व बैंक ने इन नोटों को बैंकों से वापस लेना शुरू कर दिया है. उसका कहना है कि 2005 के पहले छपे नोट जो अभी प्रचलन में हैं, बहुत ज्यादा नहीं हैं. उसने यह भी कहा है कि वह हालात पर नज़र रखेगा और उसकी समीक्षा भी करेगा ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो.