भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक को मौद्रिक नीति तैयार करने में पूरी स्वायत्ता दी जानी चाहिए और उस पर राजनीतिक दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए.
सुब्बाराव ने कहा, 'आरबीआई के अधिकार में विस्तार के बाद मौद्रिक नीति की स्वायत्तता अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.' ध्यान रहे कि हाल के कुछ महीनों में सरकार के कुछ हलकों तथा कारोबारी समुदाय का रिजर्व बैंक पर दरों में कटौती करने का काफी अधिक दबाव देखा गया. रिजर्व बैंक ने उच्च महंगाई दर का हवाला देते हुए पिछले एक-दो सालों से सख्त मौद्रिक नीति अपनाई है. भले ही इससे आर्थिक विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ा है.
सुब्बाराव सी. डी. देशमुख स्मारक व्याख्यान कार्यक्रम में बोल रहे थे. देशमुख आरबीआई के पहले गवर्नर थे. इस मौके पर प्रख्यात अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ ई. स्टिग्लिट्ज ने भी व्याख्यान दिया. सुब्बाराव ने हालांकि यह भी कहा कि रिजर्व बैंक अकेले आर्थिक समस्या का समाधान नहीं कर सकता है.