भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी चलने से बाहर किए गए नोटों के लगभग 83 प्रतिशत के बराबर नए नोटों को प्रणाली में पहुंचाया जा चुका है और बैंकों में पैसे की कोई कमी नहीं है. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने संवाददाताओं से कहा, हमारे नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 82.67 प्रतिशत पुनर्मुद्रीकरण पूरा हो चुका और मूल्य के हिसाब से यह 108 प्रतिशत है.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की और 500 व 1000 रपये के तत्कालीन नोटों को चलन से बाहर कर दिया.इस तरह से बाजार में पड़ी लगभग 87 प्रतिशत नकदी चलन से बाहर हो गई थी. कानूनगो ने इसके साथ ही यह भी कहा कि यह कहना गलत होगा कि प्रणाली में मुद्रा की कोई कमी है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ इलाकों में नकदी की कमी हो सकती है लेकिन रिजर्व बैंक हालात पर नियमित रूप से निगरानी रखे है और उसने नकदी उपलब्ध कराने के पर्याप्त बंदोबस्त किए हैं.
गौरतलब है कि वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दो दिसंबर 2016 को संसद में सूचित किया था कि नोटबंदी की घोषणा के दिन 500 रपये के 1716.5 करोड़ नोट व 1000 रपये के 685.8 करोड़ नोट चलन में थे.