आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ावा देने के लिये कर्ज सस्ता किए जाने की मांग के बीच रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत ब्याज दर 0.25 प्रतिशत कम कर दी. रिजर्व बैंक का यह फैसला अनुमान के अनुरूप माना जा रहा है. आरबीआई के इस कदम से कर्ज लेने वाले के लिए ईएमआई घटने का रास्ता साफ हो गया है.
केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को वर्ष 2012-13 की मौद्रिक नीति की अर्ध तिमाही समीक्षा बैठक में रेपो दर को 7.75 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया. इसी तरह रिवर्स रेपो रेट अब घटकर 6.50 प्रतिशत हो गया है.
रिजर्व बैंक की विज्ञप्ति के अनुसार यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि चालू खाते का घाटा ऊंचा होने तथा मुद्रास्फीति की प्रत्याशा के चलते नीतिगत ब्याज दरों को और कम करने की संभावना सीमित है.
अधिकतर निवेश बैंकों और विश्लेषकों ने रिजर्व बैंक द्वारा इस बैठक में ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत कमी किये जाने की उम्मीद जताई थी. देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चयेरमैन और प्रबंध निदेशक प्रतीक चौधरी ने सोमवार को वित्त मंत्री के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बैठक के बाद कहा था कि वह नीतिगत ब्याज दर में आधा प्रतिशत कमी चाहते हैं.