रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. चक्रवर्ती ने हैरान करने वाला यह फैसला तब लिया है जबकि उनके कार्यकाल के तीन माह बचे थे.
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि चक्रवर्ती ने 15 जून, 2014 को उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले उन्हें सेवामुक्त करने को कहा है. 62 वर्षीय चक्रवर्ती को 2009 में रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था. यात्रा पर होने की वजह से उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
हालांकि, सूत्र ने यह नहीं बताया कि चक्रवर्ती ने क्यों पद छोड़ने की इच्छा जताई है. चक्रवर्ती को 15 जून, 2009 को तीन साल के लिए रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था. उसके बाद उन्हें दो साल का विस्तार दिया गया. अब उनका कार्यकाल 15 जून, 2014 को समाप्त होना था.
एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवर्ती 25 अप्रैल तक पद पर बने रहेंगे. चूंकि चक्रवर्ती का कार्यकाल जून में पूरा हो रहा है, वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की अगुवाई में उनका उत्तराधिकारी ढूंढने के लिए पहले ही चयन समिति बना ली है.
अधिकारी ने कहा कि चक्रवर्ती ने व्यक्तिगत कारणों से 25 अप्रैल तक सेवामुक्त होने की इच्छा जताई है. सरकारी बैंकों के पांच शीर्ष अधिकारियों को इस पद के लिए साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है. फिलहाल चक्रवर्ती रिजर्व बैंक में बैंकों की निगरानी, करंसी प्रबंधन, वित्तीय स्थायित्व, उपभोक्ता सेवा, ग्रामीण कर्ज और मानव संसाधन प्रबंधन का काम देख रहे हैं.
चक्रवर्ती वित्तीय स्थायित्व बोर्ड में रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि भी हैं. इसके साथ ही चक्रवर्ती भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण के चेयरमैन भी हैं.