विदेशी मुद्रा भंडार की संतोषजनक स्थिति से उत्साहित भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय कंपनियों के विदेशों में निवेश के नियमों को आसान कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने शेयरों, घरेलू व विदेशी संपत्तियों को गिरवी रखकर धन जुटाने की सीमा को समाप्त कर दिया है.
रिजर्व बैंक ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में संशोधन करते इस बारे में अधिसूचना जारी की है. इसमें कहा गया है कि बैंक किसी भारतीय पक्ष के संयुक्त उद्यम या पूर्ण सहायक अनुषंगी के शेयरों को घरेलू या विदेशी ऋणदाता के पास गिरवी रखकर धन जुटाने की अनुमति दे सकते हैं.’ अभी तक भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में निवेश के उद्देश्य से धन जुटाने पर कई तरह की सीमाएं लागू थीं.
संयुक्त उद्यमों व पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगियों के अलावा अनुषंगी की अनुषंगी को भी शेयरों को गिरवी रखने के मामले में केंद्रीय बैंक ने यह रियायत दी है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 3.16 अरब डॉलर बढ़कर 319.99 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 25 जुलाई, 2014 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 320.56 अरब डॉलर पर पहुंचा था. दो सितंबर, 2011 को विदेशी मुद्रा भंडार 320.79 अरब डॉलर के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था.
- इनपुट भाषा से