scorecardresearch
 

आरबीआई ने 2005 के पहले के नोटों को बदलने की समय सीमा बढ़ाई

RBI ने 2005 से पहले के नोटों को बदलने समय सीमा 31 दिसंबर, 2015 से बढ़ाकर 30 जून, 2016 कर दी है. आपको बता दें कि इससे पहले भी नोट बदलने की डेडलाइन कई बार बढ़ाई जा चुकी है.

Advertisement
X
प्रिंटिंग का वर्ष लिखा होना 2005 के बाद के नोटों की पहचान है
प्रिंटिंग का वर्ष लिखा होना 2005 के बाद के नोटों की पहचान है

Advertisement

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 से पहले के विभिन्न नोटों को बदलने की समय सीमा और छह महीने बढ़ाकर 30 जून, 2016 कर दी है. यह बात आरबीआई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताई है.

इससे पहले आरबीआई ने ऐसे नोटों को बदलने की समय सीमा 31 दिसंबर, 2015 तय की थी. केन्द्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, आरबीआई ने समीक्षा के बाद 2005 से पहले के बैंक नोटों को बदलने की समय सीमा बढ़ाकर 30 जून, 2016 करने का फैसला किया है.

हालांकि एक जनवरी, 2016 से इन नोटों को बदलने की सुविधा कुछ चुनिंदा बैंकों की शाखाओं और रिजर्व बैंक के निर्गम कार्यालयों पर ही उपलब्ध होगी. गौरतलब है कि नकली नोटों के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कि इस साल जून में आरबीआई ने इन नोटों को बदलने की समय सीमा 31 दिसंबर 2015 तय की थी. इससे पहले भी कई बार ये अवधि बढ़ाई जा चुकी है.

Advertisement

क्या कहते हैं आंकड़े?
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले 13 महीने के दौरान आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों में 2005 से पहले के 164 करोड़ कटे-फटे नोट आए हैं, जिनकी कीमत करीब 21,750 करोड़ रुपये है.

कैसे पहचानेंगे 2005 से पुराना नोट?
ऐसे नोटों की पहचान यह है कि 2005 से पहले छपे नोटों में वर्ष नहीं लिखा है. जबकि 2005 के बाद छपे नोटों के पीछे की तरफ नीचे की ओर छोटे साइज में प्रिंटिंग का वर्ष लिखा हुआ है.

जानें 2015 में जुड़े नोट के इन नए फीचर्स के बारे में

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल देश में जाली नोटों की बढ़ती संख्या तथा उनकी पहचान में आने वाली दिक्कतों पर लगाम लगाने के लिए कई फैसले लिए हैं. RBI ने इस साल नोट में सुरक्षा के दृष्टी से किए जा रहे बदलाव के प्रति भी लोगों को कई बार आगाह किया है. आइये जानते है कुछ ऐसे फीचर जो इस साल नोट में जोड़े गए हैं, साथ ही कुछ ऐसी बातें जो केंद्रीय बैंक ने लोगो से आग्रह की है...

RBI द्वारा जारी नोटों में ये तीन नई विशेषताएं होंगी:

1) नंबर पैनलों में संख्या का बढ़ता आकार
बैंक नोटों के दोनों नंबर पैनलों में संख्याएं बायें से दायें बढ़ते हुए आकार में होंगी. इसमें शुरू के तीन अक्षर और अंक अल्फान्यूमेरिक आकार में एक समान होंगे. इस नए नोट में सीरीज का हर नंबर अलग अलग आकार में होगा अगर साफ साफ शब्दों में कहें तो अब नोट में छपे सभी नंबर बढ़ते हुए क्रम में होंगे. रिजर्व बैंक के अनुसार संख्या को बढ़ते हुए क्रम में देने से आम लोग असली और नकली नोट में आसानी से फर्क कर सकेगें. आपको बता दें कि इससे पहले सीरिज के नंबर एक समान होते थे.

Advertisement

2) उभरी ब्लीड लाइन शुरू
नए नोटों में उभरी ब्लीड लाइन शुरू की गई है जो नोट के आगे के भाग पर दाएं और बाएं ओर होगी. ऐसे में 100 रुपये के नोट में दो ब्लॉक में चार लाइन दी गई हैं. 500 रुपये के नोट में तीन ब्लॉक (2-1-2) में पांच लाइन दी गई हैं और वहीं 1,000 रुपये के नोट में चार ब्लॉकों (1-2-2-1) में छह लाइने होंगी. जिससे नेत्रहीन लोग इन लाइनों के उभार को छूकर आसानी से पता कर लेंगे कि यह कितने का नोट है. वहीं बैंक अधिकारियों की मानें तो नोटों के डिजाइन में अन्य सभी चीजें 2005 के अन्य नोटों के समान ही होंगी.

3) बड़ा होगा पहचान चिह्न
बैंकनोट के बाएं छोर के पास मौजूदा पहचान चिह्न के आकार को बढ़ा दिया गया है. गौरतलब है कि 500 के नोट में गोल आकार (वृताकार) और 1000 में डायमंड की आकृति होती है जिसे पहले से बड़ा कर दिया गया है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने महात्मा गांधी सीरिज - 2005 में 100, 500 और 1000 रुपये के नोट जारी किए है. इन नोटों पर डॉ. रघुराम जी. राजन, गवर्नर के हस्ताक्षर होंगे और पीछे के भाग पर मुद्रण वर्ष ‘2015’ होगा. अब जारी किए जाने वाले इन नोटों का डि़जाइन महात्मा गांधी श्रृंखला में पहले जारी किए गए 100, 500 और 1000 रुपये के नोटों के समान ही होगा जिनमें अतिरिक्त विशेषताएं जैसे संख्या पैनलों में बढ़ते आकार में अंक, ब्लीड रेखाएँ, तथा बड़ा पहचान चिह्न शामिल हैं. ये नोट दिखने में ऐसे होंगे.

Advertisement

इसके अलावा इस साल RBI ने अपनी जारी दिशानिर्देशों में इस बात के लिए भी आगाह किया है कि जो लोग नोट के वॉटरमार्क वाले स्थान पर नंबर , मैसेज या नाम लिखते है वे ऐसा न करें. क्योंकि इस वॉटर मार्क वाली जगह पर ही गांधी जी की फोटो दिखती है और नकली नोट पहचाचने का ये एक जरूरी फीचर है. लोग अगर ऐसा करने से बचेंगे तो आम जनता को नोट पहचानने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

 

Advertisement
Advertisement